मूसलाधार बारिश से पानी-पानी हुई राजधानी
तीन घंटे में हुई 95 मिलीमीटर बारिश ने राजधानी को पानी-पानी कर दिया। सड़कों से लेकर घरों तक बस पानी ही दिखाई दे रहा था।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राज्य में हो रही लगातार बारिश से पूरा ओडिशा इन दिनों बेहाल सा हो गया है। बुधवार शाम को भुवनेश्वर, कटक, जटनी आदि जगहों पर हुई रिकार्डतोड़ मूसलाधार बारिश ने राजधानी की रफ्तार को पूरी तरह से रोक दिया।
तीन घंटे में हुई 95 मिलीमीटर बारिश ने राजधानी को पानी-पानी कर दिया। सड़कों से लेकर घरों तक बस पानी ही दिखाई दे रहा था। भुवनेश्वर एयरपोर्ट की 100 मीटर की दीवार इस बारिश में ढह गई। रेल की पटरियां पानी से भर गई। जल निकासी के लिए बने नालों और सड़कों पर लगभग तीन फीट तक पानी बहने से लोगों के घर पानी से भर गए। निचले इलाकों की हालत और भी बदत्तर हो गई। खासकर लक्ष्मीसागर, झारपड़ा, रसुलगड़, आचार्य विहार, मार्केट बिल्ंिडग, यूनिट-2, यूनिट-1, श्रीया चौक आदि क्षेत्र की सड़कों पर घुटने भर बारिश का पानी बहता रहा। वाहनों की रफ्तार थम गई। पूरी राजधानी पानी के घेरे में थी। 12 पंप लगाकर पानी को निकालने की कोशिश बीएमसी की तरफ से की गई, मगर फिर भी राजधानी पानी में घिरी रही।
एयरपोर्ट की ढही 100 मीटर दीवार
प्रबल बारिश में एयरपोर्ट की उत्तर-पश्चिम दिशा में (कारगिल बस्ती के पास) 100 मीटर की दीवार ढह गई है। दीवार ढह जाने के बाद कोई जीव-जंतु एयरपोर्ट में प्रवेश न कर सकें इसके लिए बारिश बंद होते दीवार निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है । एयरपोर्ट के निदेशक सुरेश चन्द्र होता ने बताया कि एयरपोर्ट के इंजीनियर
अस्थाई दीवार निर्माण करने में लग गए हैं। टीन की दीवार बनाकर फिलहाल उक्त क्षेत्र को अवरुद्ध कर दिया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर यहां पर सीआरपीएफ जवानों को तैनात कर दिया गया है। दीवार ढहने से हवाई यातायात में कोई फर्क नहीं पड़ा है।
महाप्रभु लिंगराज भी पानी में डूबे
मूसलाधार बारिश से महाप्रभु लिंगराज भी घंटों तक घुटने भर से अधिक पानी में डूबे रहे। बारिश से श्र्री ंलगराज मंदिर के नाट्य मंडप, रसोईघर, बड़ गणेश, महाप्रभु के जाने-आने वाला स्थान आदि तमाम जगहों पर सिर्फ पानी ही पानी नजर आया। श्री लिंगराज के मां-बाप कहे जाने वाले महाकालेश्वरी व महाकालेश्वर भी पानी में डूबे रहे। उसी तरह टंकपाणी रोड स्थित श्री मेघेश्वर मंदिर में पानी जमा रहने से वहां पर पूजा अर्चना बंद हो गई है। केदारेश्वर मंदिर में भी समान स्थिति देखी गई। यहां भी मंदिर पिछले पांच दिन से पानी में ही डूबा हुआ है। वहीं भीषण बारिश से दया वेस्ट कैनाल में घाई बन गई जिससे लक्ष्मीसागर के पास बांध टूट गया।
हालांकि कैनाल के पूर्वी हिस्से का बांध टूटने से कोई विशेष नुकसान तो नहीं हुआ है, मगर फिर भी 20 से अधिक मकान में रहने वाले सैकड़ों लोग पानी के घेरे में आ गए। लोगों का आरोप है कि बीएमसी की लापरवाही के कारण उन्हें यह दिन देखना पड़ रहा है। बारिश से पहले कैनाल की सफाई न होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
जल निकासी की व्यवस्था नाकाफी
बारिश से राजधानीवासियों को घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। विजय विहार, कृष्णा गार्डेन, बेहेरासाही, पुराने भुवनेश्वर आदि तमाम इलाके में लोगों के घरों में घुटने भर तक पानी भर गया। बीएमसी की तरफ से जलबंदी रहने वाले इलाकों से पंप के जरिये पानी निकाला जा रहा है, मगर वह नाकाफी साबित हो रहा है।
बीएमसी ने तैनात किए 12 ओएएस अधिकारी राजधानी में लोगों को जल जमाव की स्थिति का सामना न करना पड़े इसके लिए भुवनेश्वर म्युनिसिपल कार्पोरेशन (बीएमसी) ने कंट्रोल रूम खोल रखा है और इसके लिए 12 ओएएस अधिकारियों को विभिन्न इलाके में तैनात किया गया है। हालांकि तीन घंटे की मूसलाधार बारिश ने बीएमसी के तमाम इंतजामात पर पानी फेर दिया और पूरी राजधानी कृत्रिम बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी।
मानसून की सबसे तेज बारिश मौसम विभाग के अनुसार इस मानसून की यह सबसे तेज बारिश थी। लोगों को फिलहाल तो राहत इस बारिश से नहीं मिलने वाली है। पूर्वानुमान के मुताबिक 24 जुलाई को बारिश का परिमाण और बढ़ेगा। तटीय ओडिशा के बाद अब उत्तर ओडिशा में भारी बारिश की संभावना है क्योंकि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में और एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है।
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