नंदनकानन में हरपीस का खौफ, 25 दिन में तीन हाथियों की मौत
राज्य के प्रमुख अभयारण्य नंदनकानन उद्यान में हरपीस यानी एचएसवी जिसे दाद सिंप्लेक्स वायरस भी कहा जाता है का भय इन दिनों सता रहा है।
जासं, भुवनेश्वर : राज्य के प्रमुख अभयारण्य नंदनकानन उद्यान में हरपीस (एचएसवी यानी दाद सिंप्लेक्स वायरस) का भय इन दिनों सता रहा है। इस वायरस की चपेट में आने से पिछले 25 दिन में नंदनकानन में तीन हाथियों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को 7 वर्षीय कमला नामक मादा हाथी की मौत हो गई है। हरपीस वायरस के संक्रमण के चलते ही कमला की मृत्यु होने की खबर है। इससे पहले नंदनकानन में मौजूद एक हाथी एवं एक हथिनी की मौत इसी वायरस के चपेट में आने से हो चुकी है। बीते 25 अगस्त को हथिनी जूली एवं 15 सितंबर को एकमात्र हाथी चंदन की मृत्यु हरपीस के संक्रमण के कारण ही हुई है। ऐसे में अब नंदनकानन में मात्र 5 मादा हाथी बचे हैं, जिनमें से दो शावक हैं। नंदनकानन अभयारण्य के अधिकारियों ने कहा है कि हरपीस वायरस की पहचान की गई है। इसके निराकरण के लिए प्रयास जारी हैं।
क्या है हरपीस : हरपीस, दाद सिंप्लेक्स वायरस है जिसे एचएसवी भी कहा जाता है। यह एक तरह का संक्रमण है जो दाद का कारण बनता है। हरपीस शरीर के विभिन्न हिस्सों में दिखाई दे सकते हैं। आमतौर पर जननागों या मुंह पर। मुख्य रूप से मुख दाद का कारण बनता है और आम तौर पर मुंह और चेहरे पर ठंड घावों और बुखार फफोलों के लिए जिम्मेदार है।