शहरी तर्ज पर गांवों में भी घर बनाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी
ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनाने के लिए अब पंचायत समिति की अनुमति आवश्यक होगी इसके लिए राज्य सरकार ने विज्ञप्ति जारी की है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। शहरी तर्ज पर ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्र में भी मनमाने ढंग से लोग अपने घर नहीं बनवा सकेंगे। इसके लिए पंचायत समिति की अनुमति लेनी होगी। इस संदर्भ में मंगलवार को राज्य सरकार की तरफ से एक विज्ञप्ति जारी किए जाने की जानकारी गृह निर्माण एवं नगर विकास, पंचायतीराज मंत्री प्रताप जेना ने मीडिया को दी है।
मंत्री ने कहा है कि अब गांव में भी जी प्लस दो अर्थात तीन मंजिला घर बनाने के लिए समिति की अनुमति लेनी पड़ेगी। 500 वर्ग मीटर क्षेत्र में घर बनाने पर अनुमति लेनी होगी। इसके लिए उपयुक्त प्लानिंग के साथ पंचायत समिति के पास में आवेदन करना होगा। इसके अप्रुभल के लिए पंचायत की तरफ से जिला प्लानिंग यूनिट को भेजा जाएगा। जिला प्लानिंग यूनिट अनुमोदन करने के बाद ही घर का निर्माण हो पाएगा।
मंत्री ने कहा है कि गांव जो घर बन गए हैं या बन रहे हैं, उनके लिए ड्रेनेज या स्वरेज व्यवस्था नहीं की गई है। इसीलिए यह नियम लागू किया गया है। यदि कोई व्यक्ति सरकारी नियमों के मुताबिक घर नहीं बनाता है तो फिर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गजट नोटिफिकेशन प्रस्तुत होने के बाद निर्माणाधीन घरों के लिए कंपाउंडिंग शुल्क लगाया जाएगा। कंपाउंडिंग शुल्क जमा करने के बाद अप्रुभव मिलने की जानकारी मंत्री ने दी है।
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यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले गांव में मकान बनाने पर सरकार से किसी प्रकार की अनुमति नहीं लेनी पड़ती है। लोग अपनी इच्छा एवं सामार्थ्य के मुताबिक दो-तीन मंजिला मकान बना लेते थे। मंत्री ने कहा है कि अब ऐसा नहीं होगा। शहर में जिस प्रकार से घर बनाने के लिए सरकारी अनुमति लेने पड़ती है, उसी तरह से गांवों में भी लोगों को घर बनाने के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी। अनुमति न लेने एवं ठीक योजना के तहत घर न बनाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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