ब्लॉक ग्रांट शिक्षकों के अड़ियल रवैये पर सख्त हुई सरकार
प्लस टू उत्तर पुस्तिका जांच में लगातार असहयोग करने वाले शिक्षकों
जागरण संवादसूत्र, भुवनेश्वर : प्लस टू उत्तर पुस्तिका जांच में लगातार असहयोग करने वाले शिक्षकों पर सरकार सख्त हो गई है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से बुधवार को अनुदान प्राप्त कॉलेजों के संचालन कमेटी को इस संदर्भ में निर्देश जारी कर एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है।
उच्च शिक्षा निदेशालय एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से प्लस-2 एवं प्लस-3 कॉलेज संचालन कमेटी को भेजे गए निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि ओडिशा परीक्षा संचालन कानून 1988 के अनुसार एक शिक्षक, अध्यापक या वरिष्ठ अध्यापक किसी भी परिस्थिति में उत्तर पुस्तिका जांच कार्य के दायित्व से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं, या बहिष्कार नहीं कर सकते हैं। इसी कानून की धारा सेक्सन-9 के अनुसार अध्यापक उत्तरपुस्तिका जांच कार्य का बहिष्कार करने पर उन्हें तीन महीने की जेल एवं 3 हजार रुपये जुर्माना हो सकता है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो भी अध्यापक आज तक उत्तर पुस्तिका जांच केंद्र में रिपोर्ट नहीं किए हैं उसके खिलाफ कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाए। आगामी सात दिन के अंदर कार्रवाई कर रिपोर्ट देने के लिए विभाग ने निर्देश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा स्कूल-कॉलेज शिक्षक कर्मचारी (मिलित मंच) की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्लस-2 उत्तर पुस्तिका जांच कार्य में असहयोग करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। मंच का यह असहयोग आंदोलन गुरुवार को 9वें दिन भी जारी रहा। शिक्षकों के असहयोग करने से उत्तर-पुस्तिका जांच कार्य प्रभावित हो रहा है और पिछले आठ दिन में 20 प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं का जांच कार्य भी संपन्न नहीं हुआ है। इससे सरकार ने बाध्य होकर बुधवार को यह फरमान सुनाया है।
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कोट :
राज्य सरकार बंदूक के बल पर शासन करना चाह रही है। शिक्षकों को घर से उठा लेना, धारा 144 लगाने के साथ अब निलंबित करने की धमकी दे रही है।
गोलक नायक, आवाहक, मिलित मंच
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सरकार की इस धमकी का मंच पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है हम अपना आंदोलन अपनी मांग पूरी होने तक जारी रखेंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
पवित्र महाला, आवाहक, मिलित मंच