कंपनी सचिवों ने की ओडिशा के विकास पर चर्चा
इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेट्री ऑफ इंडिया के 50वें राष्ट्रीय
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेट्री ऑफ इंडिया के 50वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शुक्रवार को देश-विदेश के 1200 कंपनी सचिवों ने ओडिशा में विकास की संभावना पर विस्तार से चर्चा की। राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित सम्मेलन में भारत की तमाम बड़ी कंपनियों के सचिव उपस्थित थे। सम्मेलन में भाग ले रहे कंपनी सचिवों को ओडिशा में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि आगामी दिनों में ओडिशा ग्लोबल इकोनॉमिक सेंटर बनेगा। उन्होंने कहा कि ओडिशा में 480 किमी तक समुद्री सीमा होने के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा पोर्ट पारादीप हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की इकोनॉमी को बर्बाद कर दिया था। गलत लोन दिए थे, उनकी रिकवरी करने का काम मोदी सरकार ने किया। उन्होंने भूषण पावर एंड स्टील का भी उदाहरण दिया। इस मौके पर प्रधान ने नोटबंदी पर राहुल गांधी के आरोप को गलत बताया। कहा कि आज भारत में नंबर ऑफ रिटर्न फाइल डबल हो गई है। 18 लाख लोग जो टैक्स नहीं देते थे, उनकी जांच की जा रही है। लोगों के घरों में जो पैसे पड़े हुए थे आज वे बैं¨कग सिस्टम में आ गए हैं। डिजिटिलाइजेशन बढ़ा है। प्रधान ने सभी सचिवों से ओडिशा में निवेश करवाने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर कंपनी सेक्रेटरी इंस्टीट्यूट की सेंटर काउंसिल का सुपरविजन के लिए भारत सरकार की तरफ से चुने गए राजेश शर्मा ने कहा कि आज यहां भारत की जितनी भी बड़ी कंपनियां हैं उनके सचिव उपस्थित हैं। उनके साथ ओडिशा में विकास की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई है। उन्हें यह समझाया गया है कि ओडिशा हर तरह व्यापार के लिए सबसे बेहतर स्थान है। यहां पर खदान, पानी, सड़क, परिवहन व मैन पावर सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध हैं। ऐसे में उन्होंने सभी सचिवों से अपने बोर्ड में यहां के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया।
शर्मा ने कहा कि अंग्रेज जब भारत में आए थे तो सबसे पहले पूर्वी भारत में वे जूट आयरन एवं चाय व्यवसाय में घुसे। उनसे पहले पूर्वी भारत सबसे समृद्ध राज्य हुआ करता था मगर आज पिछड़ा हुआ है। उसे एक बार फिर समृद्ध बनाने में आप सब अपना योगदान दें। भारत सरकार कई योजनाएं चला रही है, इनमें सरकार के साथ मिलकर नए एवं समृद्ध भारत निर्माण में सहयोग करें। इस अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी के अध्यक्ष मकरंड लेले भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।