डीआइजी समेत 11 लोगों के खिलाफ याचिका दाखिल
बहुचर्चित कोरापुट सामूहिक दुष्कर्म व पीड़िता द्वारा आत्महत्या घट
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : बहुचर्चित कोरापुट सामूहिक दुष्कर्म व पीड़िता द्वारा आत्महत्या घटना में दिवंगत छात्रा को न्याय दिलाने के लिए जिला दौरा जज की विशेष अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है। भाई की ओर से दाखिल इस याचिका में दक्षिण पश्चिमांचल डीआइजी, कोरापुट के एसपी, पटांगी थाना के आइआइसी के साथ 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी के साथ 6 लोग पक्ष दर्शाए गए हैं। यह याचिका पूर्व सांसद खारवेल स्वांई की ओर से दाखिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीते साल 10 अक्टूबर को कोरापुट जिला के पटांगी थाना क्षेत्र में बाजार से फोटो खिंचवाकर घर लौट रहीं नवीं कक्षा की छात्रा के साथ चार वर्दीधारी लोगों ने जंगल ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना को लेकर काफी हो-हंगामा हुआ लेकिन सौ दिन बाद भी न्याय नहीं मिलने पर पीड़िता ने विगत 22 जनवरी को फंदे से झूलकर अपनी जान दे दी थी। भाजपा-कांग्रेस के तमाम विरोध-प्रदर्शन के बावजूद अभी तक दोषी कानून के शिकंजे से बाहर है। हालांकि मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच का आदेश दे रखा है। क्राइमब्रांच भी घटना की जांच में जुटी है।
एकादशाह में शामिल हुए भाजपा व कांग्रेस के दिग्गज
गुरुवार को पीड़िता का एकादशाह मनाया गया। इसमें सभी राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे और दिवंगत छात्रा की आत्मा की सद्गति की कामना की। इस श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ताराप्रसाद वाहिनीपति, नेता प्रदीप माझी, भाजपा नेता जयराम पांगी आदि शामिल हुए। श्रद्धांजलि सभा के बाद कांग्रेस की ओर से स्थानीय हाट में पीड़िता की ढाई फीट की एक प्रतिमूर्ति भी स्थापित की गई।
महिला आयोग दफ्तर में तोड़फोड़
कोरापुट सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को न्याय देने की मांग को लेकर भाजपा महिला मोर्चा का विरोध-प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को मोर्चा की महिलाओं ने राज्य महिला आयोग कार्यालय में जमकर बवाल काटा। महिला आयोग किसका है राज्य का या बीजद का.., नारा लगाते हुए आयोग कार्यालय पहुंची मोर्चा सदस्यों ने दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की। मोर्चा की प्रदेश सचिव लेखाश्री सामन्त¨सहार ने आरोप लगाया कि कोरापुट दुष्कर्म मामले को दबाने का प्रयास महिला आयोग कर रहा है। घटना के बाद से आज तक महिला आयोग ने अपना मुंह नहीं खोला है।
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कोट :
महिला आयोग चुप नहीं बैठा है। वह अपना काम कर रहा है। जिन्हें पता नहीं हैं, वे इस तरह का आरोप लगा रहे हैं।
प्रफुल्ल सामल, महिला एवं शिशु कल्याण मंत्री, ओडिशा