हम जीसस में भी राम को देखते हैं: राज्यपाल
नगर स्थित वनवासी कल्याण आश्रम का 67वां स्थापना दिवस एवं सीमाद्री मिश्र जनजाति छात्रवास का वार्षिक उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया।
जासं, भुवनेश्वर : नगर स्थित वनवासी कल्याण आश्रम का 67वां स्थापना दिवस एवं सीमाद्री मिश्र जनजाति छात्रावास का वाíषक उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस समारोह में राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहकर धर्मातरण विषय पर खुलकर अपने विचार रखे। राज्यपाल ने कहा कि प्रभु जगन्नाथ जी यहीं पर हैं, हम पूतना का विष पीकर रहने वाले लोग हैं। हमने दुनिया के दिलों को जीता है, हमने किसी का धर्मातरण नहीं किया है।
राज्यपाल ने कहा कि हमने तो सदैव प्रभु से प्रार्थना की है कि प्रभु सभी देश को इतनी शक्ति दें कि किसी देश पर कोई आक्रमण न कर सके। हम तो जीसस में भी राम को देखने वाले लोग हैं। राज्यपाल ने कहा, काश अन्य धर्म के लोग भी यही समझते मगर उनकी शरारत कामयाब नहीं होने वाली है। राज्यपाल ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर अपनी धरती को लहूलुहान नहीं होने देगे। राज्यपाल ने इस अवसर पर आश्रम के लिए एक लाख रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की।
समारोह का संचालन करते हुए वीरेंद्र बेताला ने कहा कि जब से वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना हुई है तब से लेकर आजतक वनवासियों के कल्याण के लिए हम काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
इंजीनियर जगदीश मिश्र ने कहा कि हम किसी भी प्रकार की सरकारी मदद अपने इस कार्यक्रम के लिए नहीं लेते हैं, कुछ निजी लोगों की मदद से इस इंस्टीट्यूट का संचालन होता है। मिश्रा ने बताया कि यहां के बच्चे आज पूरे देश में न सिर्फ इंस्टीट्यूट बल्कि प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रकाश बेताला ने कहा कि जो समाज, व्यक्ति या फिर राष्ट्र जब तक अपनी संस्कृति से जुड़ा रहता है उसका विकास होता है, मगर जब वह इससे दूर जाता है, उसका विनाश निश्चित है। स्वामी प्राणरूपा नंदजी महाराज ने ओडिशा में धर्मातरण पर चर्चा करते हुए स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती के योगदान को याद किया। उत्कल प्रांत के सचिव डॉ. लक्ष्मीकांत दास ने आश्रम के बारे में जानकारी दी। अंत में आश्रम के बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम के जरिए उपस्थित अतिथियों का दिल जीत लिया।