सूबे में थम ही नहीं रही किसानों की आत्महत्या
कार्ला गांव के अर्जुन सत्नामी कुछ दिनों से अपनी फसल और कर्ज को लेकर परेशान था। अर्जुन ने शनिवार को जहर खा लिया था।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। प्रदेश में धान की फसल बर्बाद हो जाने से परेशान किसानों की आत्महत्या थमने का नाम नहीं ले रही। हालांकि हालांकि राज्य सरकार ने पीडि़त किसानों को मुआवजा देने का एलान किया है। इन सबके बीच बरगढ़ जिले में एक और किसान ने फसल के बर्बाद होने व कर्ज अदायगी को लेकर आत्महत्या कर ली। जिले में बीते दो माह के भीतर आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।
कार्ला गांव के अर्जुन सत्नामी कुछ दिनों से अपनी फसल और कर्ज को लेकर परेशान था। अर्जुन ने शनिवार को जहर खा लिया था। हालत बिगडऩे पर उसे बरगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि अर्जुन ने लखनपुर सोसाइटी से धान की फसल के लिए 60 हजार रुपया कर्ज ले रखा था। चकड़ा कीड़ा लगने के चलते फसल बर्बाद हो गई थी। तभी से वह कर्ज को लेकर बहुत तनाव में रहता था।
गत सात दिन में बारगढ़ जिले में किसान आत्महत्या की यह तीसरी घटना है। इससे पूर्व बरगढ़ में पिछले मंगलवार को कीट-प्रभावित धान के खेतों को आग लगाने के बाद बुधवार को एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। ग्रामीणों ने ब्रुदा साहू को अपने खेतों में सुबह बेहोश स्थिति में देखा और उन्हें जिला अस्पताल ले गए जहां उनकी मृत्यु हो गई। इससे पहले सोमवार को बरगढ़ के गाइसिलाट ब्लाक अंतर्गत राइसलपदर गांव में एक किसान ने जहर पी कर आत्महत्या कर लिया था। वहीं जाजपुर जिले के बरी ब्लाक अंतर्गत सुंदरपुर गांव में सोमवार को फसल बर्बाद होने से आहत एक किसान ने गले में फंदा डाल कर जान दे दी थी।
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