Coronavirus Effect: मांगलिक क्षेत्र से जुड़े व्यवसाय पर कोरोना का ग्रहण: एक दूूजे के होने से महरूम रहे हजारों जोड़े
Coronavirus Effect कोरोना वायरस के कारण मांगलिक व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों को करोड़ों का नुकसान हुआ है जिससे लाख लोगों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। हिन्दू धर्म में मांगलिक कार्य खासकर शादियां गृह प्रवेश के अलावा जनेऊ संस्कार मुहूर्त देख कर किए जाते हैं। शादी विवाह का मुहूर्त 14 अप्रैल से 29 जून तक था। अप्रैल महीने में 5 दिन, मई महीने में 19 दिन तथा जून महीने में 9 दिन आर्थात 33 दिन शादी का मुहूर्त था। इस 33 दिवसीय शादी के मुहूर्त में हजारों की संख्या में जोड़े एक दूजे के हो जाते और प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से इस मांगलिक व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों को रोजगार मिला होता, मगर कोरोना ग्रहण के कारण ओडिशा में 2000 करोड़ रुपये का व्यवसाय नुकसान हुआ है और आज 4.5 लाख लोगों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
भुवनेश्वर के वेडिंग प्लानर व इवेंट मैनेजमेंट व्यवसाय से जुड़े नवरतन बोथरा ने दैनिक जागरण के साथ बात करते हुए बताया कि इस व्यवसाय से सीधे तौर पर वेंडिंग प्लानर, टेंट हाउस, कैटरिंग वाले, लाइट वाले, फुल सजावट वाले, मीठाई वाले, शहनाई वाले, ज्वेलरी दुकान वाले, फोटोग्राफर व वीडियो वाले, शादी कार्ड विक्रेता व कार्ड प्रिंटिंग वाले, आतिशाबाजी बैंडबाजा वाले, डेकोरेटर, जयमाला थीम वाले, मेकअप सैलून वाले आदि लोग जुड़े हैं। ओड़िशा प्रदेश में 6 हजार से अधिकर टेंट हाउस हैं और इसमें काम करने वाले 2.5 लाख लोग हैं जो कि पूरी तरह से इसी व्यवसाय पर निर्भर हैं इनके अलावा 2 लाख लोग दूसरे सभी व्यवसाय से जुड़े है।
साल में तीन से चार महीने ही इनके पास काम करने एवम् कमाई के ज्यादा अवसर होते हैं, मगर कोरोना संक्रमण से सब कुछ बर्बाद हो गया है। 17 मई से लाकडाउन खुलने वाला है, मगर लोग एडवांस देने में हिचकिचा रहे हैं कि पता नहीं आगे क्या होगा और जिन्होंने पहले से एडवांस दे रखा है वो भी वापस मांग रहे है जिससे शादी का इवेंट मैनेजमेंट करने वालो को भी नुकसान हो रहा है क्यों की उन्होंने अपने सभी सप्लायर को एडवांस दे रखा है । कुछ लोग मांगलिक कार्य की तिथि भी बढ़ा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 500 लोगों का यदि कोई मांगलिक कार्यक्रम होता है तो फिर उसमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 400 लोगों को रोजगार मिलता है। सब कुछ ठप हो जाने से अब हम अपने स्टाफ को वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में इस व्यवसाय को इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की मदद के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।