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कुहासे से निपटने को पूतरे ने कसी कमर

जाड़े के मौसम में पूर्वतट रेलवे (पूतरे) अंतर्गत आने वाले रेल मार्गो में देर रात एवं भोर में घने कुहासे का प्रकोप रहता है जिससे ट्रेन परिचालन में परेशानी होती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 04:38 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 04:38 PM (IST)
कुहासे से निपटने को पूतरे ने कसी कमर
कुहासे से निपटने को पूतरे ने कसी कमर

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : जाड़े के मौसम में पूर्वतट रेलवे (पूतरे) अंतर्गत आने वाले रेल मार्गो में देर रात एवं भोर में घने कुहासे का प्रकोप रहता है जिससे ट्रेन परिचालन में परेशानी होती है। इसके लिए पूतरे ने इस दौरान संरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदम के लिए अपने कार्यबल को तैयार कर लिया है। कुहासे के दौरान ट्रेन चालकों को दृश्यता के अनुसार व यात्रियों की संरक्षा को ध्यान में रखते हुए गाड़ी की गति नियंत्रित करने को कहा गया है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए संरक्षा विभाग के अधिकारी व सेफ्टी काउंसलर नियमित रूप से चालकों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। घने कोहरे वाले इलाकों में ओएचई मास्ट पर समपार फाटकों, घने यातायात वाले इलाकों में, स्टॉप सिग्नल से पहले चमकीले व फ्लोरोसेंट पट्टी लगायी गई हैं ताकि चालकों को पता चल सके कि आगे परिचालन के हिसाब से संवेदनशील इलाका आ रहा है और वे अधिक सतर्क हो सकें।

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रेल कर्मचारियों को सलाह : पूतरे मुख्यालय के संरक्षा विभाग ने कुहासे वाले मौसम में रेल परिचालन में संरक्षा को सर्वोपरि रखने का निर्देश दिया है। रेल चालकों व गार्ड को ऐसे मौसम में उतनी गति से ही ट्रेन चलाने का परामर्श दिया जा रहा है, जितनी गति पर उन्हें गाड़ी चलाने में सुविधा व संतुलन हो, चाहे इससे रेल परिचालन की समय पाबंदी पर भी असर क्यों न पड़े। इसके अलावा स्टेशन के कर्मचारियों, गार्ड, चालक, सहायक चालकों को भी ऐसी परिस्थिति में संरक्षा को लेकर आगाह किया जा रहा है।

विशेष डेटोनेटर का प्रयोग: कुहासे में जब दृश्यता काफी खराब होती है, तो एक विशेष प्रकार के डेटोनेटर का प्रयोग करने का निर्देश जारी किया गया है। यह एक चपटे लाल रंग वाला धातु का डिस्क होता है, जिसमें संतुलित मात्रा में विस्फोटक होता है। इसके ऊपर से ट्रेन का पहिया पार होता है तो दबाव के कारण इससे तेज आवाज निकलती है, जिससे चालक व गार्ड को कम दृष्यता की स्थिति में भी पास आ रहे सिग्नल की चेतावनी मिल जाती है। इसके उपयोग के लिए स्टेशन, केबिन, गेट के कर्मचारियों को विशेष सतर्क रहने को कहा गया है।

चमकीली सूचक पट्टियों का प्रयोग : व्यस्त क्रॉ¨सग वाले समपार फाटक के लि¨फ्टग बैरियर में चमकीली सूचक पट्टियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्रेन के सबसे अंत वाले डिब्बे में एलईडी वाले लाल रंग के फ्लैशन टेल लाइट का प्रयोग पर जोर है।

विशेष पेट्रोलिंग व औचक फुट प्लेट निरीक्षण : पूतरे की ओर से जाड़े के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। इसके अलावा सभी संवेदनशील ट्रेनों/मार्गों में आधी रात से सुबह 7 बजे तक औचक फुट प्लेट निरीक्षण का प्रावधान किया गया है। इसके तहत नियुक्त अधिकारी ट्रेन के इंजन में सवार होकर गाड़ी परिचालन की औचक जांच करेंगे।


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