इज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में फिसला ओडिशा, विपक्ष ने साधा निशाना
पीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि यशस्वी मुख्यमंत्री के मुकुट पर इज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिग एक रत्न की तरह है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। उद्योग स्थापना के लिए अऩुकुल वातावरण हेतु निर्धारित इज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में ओड़िशा के पिछड़ने की खबर है। मौजूदा रैंकिंग में ओड़िशा 14वें स्थान पर है। रैंकिंग में पिछड़ने की खबर आने के बाद विपक्षी दलों को बैठे बिठाए सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। पहले स्वच्छता रैकिंग में पिछड़ चुका ओड़िशा अब इज ऑफ डुइंग बिजनेस में 14 वें स्थान पर खिसक गया है। इसे लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार को उत्तरदायी ठहराते हुए कटाक्ष किया है।
पीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि यशस्वी मुख्यमंत्री के मुकुट पर इज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिग एक रत्न की तरह है। जो प्रमाणित करता है कि बीजद के शासन काल में प्रदेश का विकास संभव नहीं है। विपक्ष का आरोप है कि दावे से विपरित सरकारी महकमें में कई खामियां है जिससे इज अफ डुइंग बिजनेस रैंकिग में लगातार तीसरी साल गिरावट दर्ज की गई है। भाजपा उपाध्यक्ष समीर महान्ती ने कहा कि 18 साल शासन करने का लम्बा वक्त मिलने के बावजूद इच्छाशक्ति के अभाव में प्रदेश आगे के बजाय पीछे जा रहा है।
उधर सरकार द्वारा इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया है कि यह कोई गंभीर स्थिति नही है। बीजद प्रवक्ता ने कहा है कि इज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिग में राज्य की प्रगति का प्रतिफलन हुआ है। 2015 में इज अफ डुइंग बिजनेस रैंकिग में प्रदेश 53 प्रतिशत पर था अब 92 प्रतिशत तक जा पहुंचा है। उद्योग विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि इज अफ डुइंग बिजनेस रैंकिग में सर्वाधिक स्कोर 98 प्रतिशत है जबकि ओड़िशा इस क्षेत्र में 92 प्रतिशत पर है। अतः इसे लेकर ज्यादा चिंता करना नहीं चाहिए। 98 प्रतिशत से 92 प्रतिशत के दायरे में वर्तमान 15 राज्य हैं इस लिए यह कहना गलत होगा कि ओड़िशा बहुत पिछड़ गया है। उद्योग सचिव ने कहा कि इस स्थिति की समीक्षा की जाएगी और कमी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। वर्तमान आन्ध्रप्रदेश इज अफ डुइंग बिजनेस रैंकिग में पहले स्थान पर बना हुआ है जबकि ओड़िशा की रैंक 14 वीं है।