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ओडिशा में 'तितली' की तबाही, 57 लोगों की मौत; 57 हजार घर तबाह

ओडिशा में चक्रवात तितली ने भारी तबाही मचाई है। इस तूफान में अब तक 57 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 10 लोग गुमशुदा बताए जा रहे हैं।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 01:32 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 09:23 AM (IST)
ओडिशा में 'तितली' की तबाही, 57 लोगों की मौत; 57 हजार घर तबाह
ओडिशा में 'तितली' की तबाही, 57 लोगों की मौत; 57 हजार घर तबाह

भुवनेश्वर, एएनआइ। ओडिशा में चक्रवात 'तितली' ने भारी तबाही मचाई है। इस तूफान में अब तक 57 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 10 लोग गुमशुदा बताए जा रहे हैं। मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ ने राज्य में जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया। इस तूफान में 57,131 घर तबाह हो गए। तितली तूफान के कारण करीब 2200 करोड़ के नुसकान का आकलन किया गया है। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ने कहा, 'ओडिशा में आए तितली चक्रवात में 10 लोग लापता है। इस आपदा के कारण कई फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। राज्य में 81,25 गांव के 60.11 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित है।

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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 17 अक्टूबर को चक्रवात तितली द्वारा प्रभावित हुए मृतकों के रिश्तेदारों के लिए अनुदान राशि 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है। राज्य में हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री पटनायक ने 18 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और राहत व बहाली के काम के लिए 1,000 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि तूफान और बाढ़ ने ओडिशा के 17 जिलों को नुकसान पहुंचाया है। इनमें सबसे ज्यादा गजपति जिला प्रभावित हुआ है।

गजपति जिले में चक्रवात के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जगह-जगह पेड़ उखड़ने की वजह से यतायात व्यवस्था प्रभावित हुई। मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि चक्रवाती तूफान 'तितली' के कारण राज्य के कई हिस्सों में गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है। इस तूफान के कारण पश्चिम बंगाल से सटे झारखंड के कई इलाकों में बारिश हुई। सूबे के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बाढ़ग्रस्त जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था। विपक्षी दलों द्वारा प्राकृतिक आपदा के खराब प्रबंधन और सरकारी दावे पर सवाल उठाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, 'यदि विपक्षी दल आलोचना करना चाहते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं। हम राहत एवं बचाव कार्यो में व्यस्त हैं।'


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