नवीन पटनायक के खिलाफ राजनीतिक बिसात बिछाने की तैयारी शुरू
पूर्व कैबिनेट मंत्री वरिष्ट नेता दामोदर राउत को बीजद से निकालने
जागरण संवाददात, भुवनेश्वर : पूर्व कैबिनेट मंत्री वरिष्ट नेता दामोदर राउत को बीजद से निकालने के बाद ओडिशा में बीजू जनता दल के अध्यक्ष मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ बिसात बिछाने की तैयारी शुरू हो गई है। पूर्व सांसद बैजयंत पंडा की दामोदर राउत के निवास पर हुई मुलाकात को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। नवीन विरोधी नेताओं ने राउत से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। कभी नवीन पटनायक का दाहिना हाथ रहे पूर्व सांसद बैजयंत पंडा ने पारादीप जाकर दामोदर राउत से बातचीत की। पंडा का कहना है कि वो राउत के साथ हैं। उन्होंने नैतिक समर्थन देने की हामी भरी है। वहीं दामोदर राउत का कहना है कि बीजद से उनके निकाले जाने की खबर सुनकर बैजयंत पंडा निवास पर आए और बातचीत की। यह उनकी ओर से सहानुभूति भरा कदम था। हालांकि वे राजनीतिक सवालों को टालते रहे।
दामोदर राउत ने यह भी कहा कि वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। इसके लिए उन्हें बीजू जनता दल या अन्य किसी दल के टिकट की जरूरत नहीं है। पारादीप विधानसभा क्षेत्र की जनता उन्हें जानती है। जनता का उन पर विश्वास है। उनके चुनाव लड़ने में टिकट कहीं कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेगा। दूसरी तरफ बैजयंत पंडा ने बताया कि वह दामोदर राउत का नैतिक समर्थन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस संदर्भ में अन्य राजनीतिक निर्णय शीघ्र ही लिए जाएंगे। मालूम हो कि बैजयंत पंडा ने 28 मई को पार्टी से त्याग पत्र दे दिया था। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को कहा कि बीजद से निकाले गए नेता दामोदर राउत द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप हास्यास्पद हैं। राउत को बुधवार को उनकी कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से निष्कासित कर दिया गया था। निष्कासन से पहले दिग्गज नेता ने राज्य सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने बीजद के कामकाज की शैली पर भी सवाल उठाया था। राउत का कहना है कि नवीन अपना पद बचाने के लिए अब बीजू बाबू के सिद्धांतों के विपरीत काम कर रहे हैं। ओडिशा के लोगों के लिए अच्छा होगा अगर मुख्यमंत्री जल्द से जल्द पद से बेदखल हो जाएं। पूर्व सांसद बैजयंत पांडा ने कहा कि मैं दामोदर राउत को नैतिक समर्थन देने आया हूं। यह एक शिष्टाचार मुलाकात है और आगामी दिनों में हम पार्टी के कार्रवाई पर फैसला लेने के लिए मिलेंगे और फैसले के बारे में सभी को सूचित करेंगे। पांडा को 24 जनवरी को बीजद से निलंबित कर दिया गया था। उन्होंन 28 मई को बीजद से इस्तीफा दे दिया था। बीजद से निकाले गए नेताओं का इस तरह से एकजुट होना निश्चित रूप से आगामी 2019 चुनाव में बीजद के लिए भारी पड़ सकती है। क्योंकि चाहे दामोदर राउत हो या फिर बैजयंत पंडा दोनों जमीनी नेता हैं लोगों से उनका लगाव है।