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सामरिक कला और वाद्य संगीत ने मोहा मन

नगर क्षेत्र अंतर्गत धौली में जारी क¨लग धौली महोत्सव के दूसरे दिन वाद्य संगीत ने लोगों का मन मोह लिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 04:41 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 04:41 PM (IST)
सामरिक कला और वाद्य संगीत ने मोहा मन
सामरिक कला और वाद्य संगीत ने मोहा मन

संसू, भुवनेश्वर : नगर क्षेत्र के धौली में जारी क¨लग धौली महोत्सव के दूसरे दिन वाद्य संगीत ने श्रोताओं का दिल जीत लिया। 'महोदधि' थीम पर प्रस्तुत वाद्य संगीत में जगन्नाथ धाम पुरी की महत्ता को लेकर वाद्यों की ताल पेश की गई। गुरु धनेश्वर स्वांई एवं गुरु रामहरी दास के संयुक्त संचालन में हुई इस प्रस्तुति की खास बात यह रही कि सितार, मृदंग, वीणा, वायलिन, बांसुरी, ढोलक की ताल पर श्रीक्षेत्र धाम पुरी के अहम सांस्कृतिक झलकियों को पेश किया गया। इसके उपरांत मणिपुर से आए सामरिक नृत्य दल की ओर से थांग-ता पेश किया गया। थांग का अर्थ होता है तलवार एवं ता का अर्थ है भाला। मणिपुरी कलाकारों ने तलवारबाजी का कौशल दिखाया जिसे देखकर दर्शक दंग रह गए। खासकर महिलाओं की तलवारबाजी और आंख मूंदकर तलवार से महिलाओं की हथेली पर ककड़ी को काटने का दृश्य, रोमांचित करने वाला था। बंद आंख से एक के बाद एक कलाकार के हाथ पर रखी ककड़ी जब कट रही थी तो उपस्थित दर्शकों के मुंह से आह निकल जाती। एन राजेन मानगांग के नेतृत्व में इंफाल से आए इस दल ने दर्शकों को अपनी कला कौशल का कायल बना दिया।

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