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ग्रामीणों के तेवर देख बैकफुट पर राज्य सरकार

ओडिशा के ढेंकानाल जिले के बलरामपुर गांव में बीयर फैक्ट्री एवं फैक्ट्री के नाम पर काटे गए सैकड़ों को लेकर मोर्चा खोले ग्रामीणों के तेवर देख राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 01:52 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 01:52 PM (IST)
ग्रामीणों के तेवर देख बैकफुट पर राज्य सरकार
ग्रामीणों के तेवर देख बैकफुट पर राज्य सरकार

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ओडिशा के ढेंकानाल जिले के बलरामपुर गांव में बीयर फैक्ट्री एवं फैक्ट्री के लिए काटे गए सैकड़ों पेड़ों के खिलाफ मोर्चा खोले ग्रामीणों के तेवर देखे राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई है। राज्य सरकार ने जहां पहले पेड़ कटान पर रोक लगाने का निर्देश दिया था वहीं अब उस जगह पर बीयर फैक्ट्री स्थापित करने के निर्णय को भी वापस ले लिया है। ऐसे में अब बलरामपुर गांव में बियर बॉटलिंग प्लांट स्थापित नहीं होगा। आधी रात में फैक्ट्री के नाम पर काटे गए सैकड़ों पेड़ों की जगह पर बीयर फैक्ट्री नहीं खुलेगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को दिया है।

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उत्तरांचल राजस्व आयुक्त (आरडीसी) डीवी स्वामी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। हालांकि सरकार के इस निर्णय के बाद भी ग्रामीणों में आक्रोश भरा पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पहले की तरह जंगल को नहीं बनाया जाता है, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

आरडीसी की ओर से उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव को दी गई रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि बलरामपुर में बॉट¨लग प्लांट रद कर इसे और कहीं स्थानांतरित किया जाए। इसके साथ ही वहां पर पेड़ कटान को बंद रखने के साथ नए पौधे लगाने की व्यवस्था की जाए।

ग्रामीणों के अनुसार, बलरामपुर में मौजूद घने जंगल पर कब्जा करने के लिए एक बड़ा षडयंत्र हुआ था। गोचर जमीन की किस्म को बदलकर यहां पर प्लांट स्थापना के लिए जमीन दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि इसके पीछे कुछ प्रशासनिक अधिकारियों का भी हाथ है। ग्रामीणों ने कहा है कि इस जमीन की किस्म बदलने से पहले यह गोचर एवं जंगल जमीन थी। इसे तत्कालीन जिलाधीश एवं तहसीलदार ने चालाकी से किस्म बदल दिया, जिसे अब शराब कंपनी के हाथ में देने का षडयंत्र किया गया था।


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