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यूएई में धर्मेद्र प्रधान ने बताई ओडिशा की खूबियां

ओडिशा में भिन्न-भिन्न जलवायु के इलाके हैं, विराट जंगल है, मीठा जल है, कुशल मानव संसाधन है, जैविक कृषि उत्पाद की अपार संभावना है

By Edited By: Published: Tue, 15 May 2018 04:12 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 12:05 PM (IST)
यूएई में धर्मेद्र प्रधान ने बताई ओडिशा की खूबियां
यूएई में धर्मेद्र प्रधान ने बताई ओडिशा की खूबियां

भुवनेश्वर, जेएनएन। यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) दौरे पर गए केंद्रीय पेट्रोलियम एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने उपसागरीय देश समूह से ओडिशा में कृषि के साथ जुड़ने का आह्वान किया है। यूएई में खाद्य प्रसंस्करण, कोल्ड चेन प्रदानकारी खाद्य वितरण कंपनी तथा खाद्य एवं ग्रॉसरी का फुटकर व्यवसाय करने वाले उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि उपसागरीय देशों से भारत 60 प्रतिशत पेट्रोलियम द्रव्य खरीद रहा है, मगर इन देशों में खाद्य जरूरत का मात्र 18 प्रतिशत खाद्य ही भारत से आ रहा है।

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उपसागरीय देशों के नेतृत्व के जरिए ये देश समूह भारत को शक्ति सुरक्षा एवं भारत इन देशों को खाद्य सुरक्षा मुहैया करने के लिए दृढ़ संकल्प है। इससे जहां पूरे देश को लाभ मिलेगा वहीं ओडिशा में इसकी संभावना अधिक होने से ओडिशा जैसे राज्य इस प्रक्रिया से जोड़ने पर प्रधान ने जोर दिया। प्रधान ने ओडिशा से नाम मात्र या फिर बिल्कुल ही खाद्य सामग्री न आने पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि ओडिशा में देश के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक आधारभूमि, कृषि उत्पाद की अधिक सुविधा है।

प्रधान ने कहा कि इस समूह देशों को सीधा जोड़ने के लिए एयरपोर्ट, पारादीप बंदरगाह जैसे बंदरगाह हैं। बंदरगाह का सही ढंग से प्रयोग किया जाए तो यह इन देशों के लिए खाद्य प्रक्रियाकरण के लिए केंद्र स्थल बन सकते हैं। ओडिशा में भिन्न-भिन्न जलवायु के इलाके हैं, विराट जंगल है, मीठा जल है, कुशल मानव संसाधन है, जैविक कृषि उत्पाद की अपार संभावना है। ऐसे में ओडिशा की संभावना को देखते हुए राज्य के संपूर्ण खाद्य प्रक्रियाकरण के मूल्य कड़ी में पूंजी निवेश करने का प्रधान ने आह्वान किया।

प्रधान ने इस अवसर पर उद्योगपतियों को ओडिशा के फूल, कंधमाल की हल्दी, कोरापुट की अदरक आदि राज्य के उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही कोरापुट, कंधमाल एवं देवगढ़ आदि जिलों में जैविक खेती से सीधे जुड़ने का भी आह्वान किया। केंद्रीय प्रधान ने इस अवसर पर भारत सरकार की ओर से ओडिशा में आगामी जून में आयोजित होने वाले कृषि कांक्लेव तथा नवंबर में आयोजित होने वाले मेक इन ओडिशा कांक्लेब में शामिल होने के लिए भी निमंत्रण दिया।


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