कोई भूखा, अशिक्षित न रहे, साधु-संत करें जागरूक
शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सेवा के क्षेत्र में समाज का मार्गदर्शन करना साधु-
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सेवा के क्षेत्र में समाज का मार्गदर्शन करना साधु-संतों का दायित्व है। नैतिक शिक्षा एवं धाíमक शिक्षा के जरिए व्यक्ति का चरित्र निर्माण होता है। आदर्श व्यक्ति से ही आदर्श समाज एवं राष्ट्र का निर्माण होता है। समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ व्यक्ति के मन में सेवा का भाव जागृत करना आज की जरूरत है। युगों से देखा जा रहा है कि जब भी समाज, राष्ट्र, धर्म एवं संस्कृति के ऊपर विपत्ति आती है, तब साधु-संत चुप्पी साधने के बजाय समाज को जाग्रत करते हैं। वर्तमान में भी वही समय आ गया है ऐसे में कोई भूखा न रहे, अशिक्षित न रहे इसके लिए साधु संतों को समाज में जागरूकता लानी चाहिए। ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाहक डॉ. कृष्ण गोपाल ने शुक्रवार को ढेंकानाल जिला के जोरंदा, महिमा गादी में आयोजित धर्म सभा में कही।
इस धर्म सभा में बकल समाज के अध्यक्ष बाबा नित्यानंद दास (पगला बाबा), उपाध्यक्ष मंदरधर बाबा, छत्तीसगढ़ के नगेन्द्र बाबा, कौपीनी समाज के अध्यक्ष रघु बाबा, नीलांबर बाबा, नटवर बाबा ने भी अपने-अपने विचार रखे। धर्म जागरण समन्वय विभाग क्षेत्र के प्रमुख विनय कुमार भुइंया के संयोजन में आयोजित इस धर्मसभा में आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुनीलपद गोस्वामी, क्षेत्रीय प्रचारक प्रदीप जोशी, गोसेवा विभाग के अखिल भातीय सह संयोजक अजीत प्रसाद महापात्र, धर्म जागरण समन्वय विभाग के अखिल भारतीय प्रमुख राजेन्द्र जी, संघ के पूर्व प्रांत प्रचारक विपिन प्रसाद नंद प्रमुख शामिल रहे।