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ओडिशा के छह शहरों में प्रदूषण की स्थिति भयावह

देश की राजधानी नई दिल्ली की तरह ओडिशा के छह प्रमुख शहर भुवनेश्वर, कटक,बालेश्वर, अनुगुल, राउरकेला एवं तालचेर की स्थिति भयावह होती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 04:05 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 04:05 AM (IST)
ओडिशा के छह शहरों में प्रदूषण की स्थिति भयावह
ओडिशा के छह शहरों में प्रदूषण की स्थिति भयावह

जासं, भुवनेश्वर : देश की राजधानी नई दिल्ली की तरह ओडिशा के छह प्रमुख शहर भुवनेश्वर, कटक, बालेश्वर, अनुगुल, राउरकेला एवं तालचेर में प्रदूषण की स्थिति भयावह होती जा रही है। निर्माण कार्य के साथ वाहनों की वृद्धि एवं उद्योगों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को दूषित रहा रहा है। धूल मिश्रित धुआं शहरांचल को खतरे की तरफ ले जा रहा है। सरकार के साथ लोगों के जागरूक न होने से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। यही हाल रहा तो इन छह शहरों में पर्यावरण कुछ ही सालों में अत्यंत खराब हो जाने की बात पर्यावरणविद कह रहे हैं। इन शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नाराजगी जताने के साथ इस दिशा में सभी जरूरी कदम उठाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार को निर्देश दिया है। धूल से होने वाले प्रदूषण को यदि रोका नहीं गया तो इन शहरों में शुद्ध वायु का मिलना सपना हो जाएगा।

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दस साल में 30 से 40 फीसद तक बढ़ी धूल की मात्रा: उक्त शहरों में धूल का परिमाण पिछले 10 साल में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ गया है। वायुमंडल में प्रति क्यूबिक मीटर में 60 माइक्रोग्राम धूल के कण हैं तो फिर स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं होता है।

कितना बढ़ा प्रदूषण (फीसद में)

शहर वर्ष मात्रा में

भुवनेश्वर 2008 25.9

2017 45.0

अनुगुल 2008 28.95

2017 34.16 तालचेर 2008 9.65

2017 45.00 बालेश्वर 2008 03.00

2017 6.25 कटक 2008 28.00

2017 25.95 राउरकेला 2008 54.00

2017 45.00

दो सौ पार कर गया है एक्यूआइ

केंद्रीय पर्यावरण तथा जंगल मंत्रालय की तरफ से स्वास्थ्य के लिए जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 0 से 50 के बीच रहने से स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक नहीं है। हालांकि यह परिमाण यदि 51 से 100 तक पहुंच जाता है तो फिर सांस लेने में समस्या होगी। इससे हृदय रोग, शिशु, गर्भवती महिला एवं बुजुर्ग को समस्या का सामना करना पड़ेगा। यह इंडेक्स 401 से 500 होने पर स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो जाएगा। उक्त शहरों में एक्यूआइ 200 को पार कर गया है।

सीपीसीवी को भेजा गया है एक्शन प्लान

एनजीटी के निर्देश को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। प्रदूषण को किस प्रकार से नियंत्रित किया जाए उसे लेकर जंगल एवं पर्यावरण विभाग विस्तार से एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसे केंद्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीवी) के पास भेज दिया गया है। सीपीसीवी का अनुमोदन मिलने के बाद उसे उक्त छह शहरों में कार्यकारी किया जाएगा। प्रत्येक शहर के वायु प्रदूषण स्तर को मैनुअल के बदले ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। किस शहर में प्रदूषण कितना है वह हर समय पता चलेगा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु प्रदूषण को नियमित जांच कर सरकार को रिपोर्ट देने की बात राज्य पर्यावरण निदेशक के मुरुगेशन ने कही है। पर्यावरण निदेशक ने कहा कि शहरी क्षेत्र में धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक्शन प्लान में कई तरह की व्यवस्था है। केंद्र सरकार का अनुमोदन मिलने के बाद उसे बहुत जल्द कार्यकारी किया जाएगा।


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