ओड़िशा में आ रहा है चक्रवात जवाद, सरकार ने किसानों की फसल को लेकर जारी की एडवाइजरी
2 दिसम्बर को लघुचाप अवपात (गहरे दबाव) में तब्दील होगा। 4 दिसम्बर को ओड़िशा तट से टकराएगा। 4 दिसम्बर को दक्षिण ओड़िशा एवं उत्तर आन्ध्र के बीच स्थल भाग से टकाराएगा। बारिश शुरू होने से पहले धान 85 प्रतिशत तक तैयार। धान को प्लास्टिक से ढंकने के लिए कहा है।
जासं., भुवनेश्वर : कोरोना महामारी बाद अब ओड़िशा में चक्रवात जवाद आने को लेकर स्पष्ट भारतीय मौसम विभाग की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है। 12 घंटे में अंडमान सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। 2 दिसम्बर को लघुचाप अवपात (गहरे दबाव) में तब्दील होगा। 4 दिसम्बर को ओड़िशा तट से टकराएगा। यह 4 दिसम्बर शनिवार को दक्षिण ओड़िशा एवं उत्तर आन्ध्र के बीच स्थल भाग से टकाराएगा। इसके प्रभाव से 3 दिसम्बर से ओड़िशा के तटीय जिले में बारिश होने की जानकारी आईएमडी मृत्युंजय महापात्र ने दी है। महापात्र ने समुद्र में जाने वाले मछुआरों को 2 दिसम्बर तक वापस आ जाने के लिए अनुरोध किया है।
बारिश के शुरू होने से पहले ही धान की फसल 85 प्रतिशत तक तैयार
वहीं दुसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सम्भावित कम दबाव के क्षेत्र से होने वाली बारिश को ध्यान में रखते हुए ओयूएटी की तरफ से किसानों के लिए मार्गदर्शिका जारी की गई है। बारिश के शुरू होने से पहले ही धान की फसल 85 प्रतिशत तक तैयार हो गई है। ऐसे में धान को तुरन्त कटाई कर सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए कहा गया है।
धान को गोलेई में रखते हुए प्लास्टिक से ढंकने के लिए कहा गया है
कटाई किए गए धान को गोलेई में रखते हुए प्लास्टिक से ढंकने के लिए कहा गया है। उसी तरह से साग-सब्जी एवं रवि फसल से जल निष्काशन के लिए तुरन्त जरूरी कदम उठाने को सलाह दी गई है। इसके अलावा इस दौरान रवि ना लगाने की सलाह दी गई है। वर्तमान समय में मूली, कोसला साग, धनिया, पालक आदि तैयार हैं ऐसे में इन्हें तुरंत बेच लेने को कहा गया है।