फिर से विद्युतीकरण की व्यवस्था बड़ी चुनौती : मुख्यमंत्री
बीते शुक्रवार को आए चक्रवात फणि ने राज्य में व्यापक तबाही मचायी है।
जेएनएन, संबलपुर/भुवनेश्वर : बीते शुक्रवार को आए चक्रवात फणि ने राज्य में व्यापक तबाही मचायी है। शासन-प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर राहत कार्य जारी है। समय रहते लाखों लोगों को सुरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवकों और अधिकारियों की सराहना की है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि चक्रवात फणि के राज्य के तटीय इलाके में घुसने के बाद इतिहास में सबसे बड़ी मानव निकासी की गई। उन्होंने कहा कि 24 घटे में रिकॉर्ड 1.2 लाख लोगों को निकाला गया। उन्होंने पूरी प्रक्रिया में शामिल 4.5 करोड़ लोगों में से हर एक की प्रशसा की। उन्होंने स्वयंसेवकों और अधिकारियों की सराहना की, जो चौबीसों घटे काम करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवात फणि सबसे दुर्लभ गर्मियों के चक्रवातों में से एक था। कहा कि यह ओडिशा को प्रभावित करनेवाला 43 वषरें में पहला और पिछले 150 वषरें में आये तीन तूफान में से एक था।
पटनायक ने कहा कि तूफान की ट्रैकिंग और भविष्यवाणी चुनौतीपूर्ण थी। चक्रवात के 24 घटे तक भूस्खलन होने के कारण किसी को भी इस बात पर यकीन नहीं था कि यह किस रास्ते से गुजरेगा। हालाकि, हमने खुद को सभी संभावित घटनाओं का सामना करने के लिए तैयार किया। इससे इतिहास में सबसे बड़ी मानव निकासी हुई। रिकॉर्ड 1.2 लाख लोगों को 24 घटे में सुरक्षित कर लिया गया। गंजाम से 3.2 लाख और पुरी से 1.3 लाख लोगों को निकाला गया।
उन्होंने कहा कि सभी स्वयंसेवकों, पीआरआई सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने लगभग 1.2 लाख लोगों की सुरक्षा के लिए अथक और निस्वार्थ रूप से काम किया है।
फणि ने पुरी में 200 किमी प्रति घटे से अधिक की हवा की गति और 240 किमी प्रति घटे की रफ्तार से चलने वाली उड़ान भरी। पटनायक ने कहा कि लाखों पेड़ उखड़ गए, सड़कें अवरुद्ध हो गई, घर ध्वस्त हो गए और सार्वजनिक बुनियादी ढाचे को नुकसान पहुंचा। पुरी जिले और खुर्दा के कुछ हिस्सों में बिजली के बुनियादी ढाचे पूरी तरह से तबाह हो गए। हमारे सामने फिर से विद्युतीकरण की व्यवस्था बड़ी चुनौती है। कटक, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, बालासोर, मयूरभंज, क्योंझर, ढेंकानाल, नयागड़ा जिले भी प्रभावित हुए हैं।
इधर, केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने भी चक्रवात फणि से प्रभावित कई क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रधान ने चक्रवात से प्रभावित लोगों से मिलकर उनका दुख-दर्द बांटा। साथ ही हरसंभव मदद करने आश्वासन दिया है।