Cyclone Bulbul: ओडिशा तट से नहीं टकराएगा चक्रवात बुलबुल, इसके बावजूद भी दिखेंगे ये प्रभाव
Cyclone Bulbul चक्रवात बुलबुल के ओडिशा तट पर टकराने का खतरा टल गया है लेकिन इसके प्रभाव की वजह से भारी बारिश और हवा चलने की संभावना है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा तट पर चक्रवात बुलबुल नहीं टकराएगा। चक्रवात बुलबुल ओडिशा तट बंगाल की खाड़ी देकर गति करेगा। हालांकि इसके प्रभाव से प्रदेश के तटीय जिलों में भारी बारिश होगी, जिससे सतर्क रहने की जरूरत है। यह जानकारी संभावित चक्रवात बुलबुल को लेकर भारतीय मौसम विभाग की तरफ से दी गई है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पारादीप से 700 किमी. की दूरी पर है और 7 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश की तरफ गति कर रहा है। तूफान ओडिशा तट से 110 किमी. की दूरी पर स्थल भाग से गुजरने की संभावना है।
मुख्य राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने गुरुवार को एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए कहा है कि समुद्री तूफान बुलबुल ओडिशा के तट से बंगोप सागर होते हुए गति करेगा। यह ओडिशा तट से नहीं टकराएगा। शाम तक बुलबुल की स्थिति एवं गति अधिक स्पष्ट हो जाएगी। मछुआरों को समुद्र में न जाने एवं जो भी मछुआरे समुद्र में हैं, उन्हें वापस लौट आने की हिदायत दी गई है।
राज्य मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक समुद्री तूफान बुलबुल ओडिशा तट से न टकराने के बावजूद इसका प्रभाव प्रदेश में रहेगा। प्रदेश में 9 एवं 10 नवम्बर को तटीय जिलों में भारी बारिश होने के साथ 40 से 65 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए तूफान के गतिपथ चित्र से पता चला है कि 8 नवम्बर शाम 5:30 बजे बुलबुल गोपालपुर से 347 किलोमीटर दूर होगा। 9 नवम्बर को भोर 5:30 बजे घंटा प्रति 52 से 61 किमी. की रफ्तार से हवा चलेगी। अस्तरंग से जब यह 171 किलोमीटर दूरी पर होगा तब उसी दिन शाम 5:30 बजे घंटा प्रति 62 से 64 किमी. की रफ्तार से हवा चलेगी। 10 नवम्बर को भोर 5:30 बजे घंटा प्रति 62 से 74 किमी. की रफ्तार से हवा बहने की सम्भावना है। बुलबुल जब धामरा बंदरगाह से 149 किमी. दूरी पर हो तो उस समय शाम 5:30 बजे 62 से 74 किमी. प्रतिघंटा से हवा चलेगी।
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यहां उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग एवं विशेष राहत आयुक्त की तरफ से जारी की जा रही सूचना के बावजूद प्रदेश के लोगों में तूफान को लेकर भय का माहौल बना हुआ है। राजधानी भुवनेश्वर समेत प्रदेश के तटीय जिलों में अभी से चल रही हवा एवं अचानक मौसम में आया बदलवा भी लोगों को डरा रहा है। लोग अपने घरों में जरूरत की सामग्री एकत्र करने में लग गए हैं। इसका असर भी बाजार में दिखने लगा है। एक सप्ताह पहले जहां प्याज की कीमत 35 से 40 रुपये प्रति किलो थी, वहीं अब प्याज की कीमत 60 से 65 रुपये प्रति किलो हो गई है। प्याज के अलावा अन्य सामग्री के दरों में भी भी तेजी से इजाफा हुआ है।
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