प्राचीन कलाकेंद्र का दीक्षांत समारोह कल
चंडीगढ़ प्राचीन कला केंद्र का 10वां दीक्षांत समारोह आगामी 12 जनवरी को स्थानीय भंज कला मंडप में आयोजित किया जाएगा।
जासं, भुवनेश्वर : चंडीगढ़ प्राचीन कला केंद्र का 10वां दीक्षांत समारोह आगामी 12 जनवरी को स्थानीय भंज कला मंडप में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान विषारद तथा भास्कर के सत्र 2017-18 एवं 2018-19 के सफल छात्रों को मानपत्र देकर सम्मानित किए जाने की जानकारी केंद्र के सचिव सजल कोसेर ने दी है। बताया कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्य सचिव असीत त्रिपाठी, राज्यसभा सांसद पद्मविभूषण रघुनाथ महापात्र प्रमुख उपस्थित रहेंगे।
इस समारोह में प्रसिद्ध कवि रक्षक नायक, संगीत निदेशक पद्मश्री प्रफुल्ल कर, तबला वादक पंडित उमेश चंद्र कर, लेखक हिमांशु खटुआ प्रमुख को सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा केंद्र के ओडिशा में मौजूद 280 केंद्रों से विशारद या स्नातक एवं भास्कर के 600 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा।
केंद्र के सचिव ने बताया कि प्राचीन कला, संगीत एवं संस्कृति से युवाओं को रूबरू कराने के साथ उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए धौली में एक उत्कर्ष प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने लगभग 2.5 एकड़ जमीन देने को कहा है। यह प्रशिक्षण केंद्र शांति निकेतन और अन्य विख्यात विश्वविद्यालयों की तर्ज पर स्थापित होगा। यहां पर छात्र-छात्राओं को डांस, म्यूजिक तथा संगीत का उच्चस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य के छात्रों में दक्षता की कोई कमी नहीं है बावजूद इसके राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूरत के मुताबिक मंच नहीं मिल पा रहा है। इससे छात्र अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने से वंचित हो रहे हैं। प्रशिक्षण केंद्र के स्थापित हो जाने के बाद उन्हें इस सुविधा का लाभ इस केंद्र के जरिए दिया जाएगा। इस केंद्र में पारंपरिक नृत्य संगीत के साथ आधुनिक नृत्य संगीत पर भी फोकस रहेगा। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय भुवनेश्वर के संयोजक डॉ. बसंत कुमार मिश्र, उत्तर पूर्वांचल कार्यालय कोलकाता के सहायक रजिस्टार आनंद रंजन बरुआ, ब्योमकेश जेना प्रमुख उपस्थित थे।