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नौ बार के काग्रेसी सासद का भतीजा बीजद में शामिल

काग्रेस के दबदबे वाले आदिवासी बहुल जिला नवरंगपुर से काग्रेस के लिए बुरी खबर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 05:09 PM (IST)
नौ बार के काग्रेसी सासद का भतीजा बीजद में शामिल
नौ बार के काग्रेसी सासद का भतीजा बीजद में शामिल

संसू, भुवनेश्वर : काग्रेस के दबदबे वाले आदिवासी बहुल जिला नवरंगपुर से काग्रेस के लिए बुरी खबर है। बीजू जनता दल (बीजद) ने काग्रेस खेमे में सेंध लगा दी है और जिले के एक प्रभावशाली काग्रेस परिवार के सदस्य को अपने पाले में कर लिया है। लगातार 9 बार काग्रेस के टिकट पर लोकसभा पहुंचकर रिकार्ड बनाने वाले खगपति पधानी के भतीजे सदाशिव पधानी ने बीजद का दामन थाम लिया है। सदाशिव पधानी केवल खगपति पधानी के भतीजे ही नहीं बल्कि उनके पिता गोपीनाथ पधानी नवरंगपुर जिले के प्रथम जिलाध्यक्ष थे। सदाशिव पधानी नालको में सहायक जनरल मेनेजर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति की राह पकड़ी है। बीजद के आदर्श से प्रभावित होकर दल में आने की बात करने वाले सदाशिव ने कहा कि आदिवासियों की समस्या वे अच्छी तरह से जानते हैं। इस समुदाय के हित के लिए वे काम करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दल में सदाशिव पधानी का स्वागत करते हुए कहा कि उनके दल में शामिल होने से नवरंगपुर जिले में बीजद की ताकत और बढ़ेगी।

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काग्रेस ने सरकारी योजना पर उठाए सवाल

राज्य में गरीबों के लिए चलाई जा रही 1 रुपये किलो चावल योजना पर सवाल उठाते हुए काग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा है कि 1 रुपये किलो चावल योजना प्रहसन बन गई है। उन्होंने कहा कि गरीबी सीमा रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए बनाई गई इस योजना में लाभुक चयन को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के 77 प्रतिशत लोगों को 1 रुपये प्रति किलो चावल दिए जाने की जो बात कही जा रही है वह विश्वास से परे है। पटनायक ने कहा कि ऐसा लगता है कि बड़ी संख्या में भूतिया लाभुक इस योजना के तहत चावल ले रहे हैं जो वास्तव में हैं ही नहीं। सरकारी आंकड़े भ्रमित करने वाले हैं। क्योंकि, अगर 77 प्रतिशत लोगों को 1 रुपये प्रति किलो चावल दिए जाने की बात सच है तो प्रदेश की जनसंख्या का 77 प्रतिशत हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहा है। जबकि सरकार ने का दावा है कि प्रदेश में गरीबों की संख्या 33 प्रतिशत तक नीचे आ चुकी है।


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