Move to Jagran APP

Odisha: प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार सुनंदा पटनायक का निधन

Sunanda Patnaik. सुनंदा के जीवनी पर निर्मित प्रमाणिक फिल्म नील माधव राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ प्रमाणिक फिल्म के तौर पर पुरस्कृत हुई थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 01:14 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 04:21 PM (IST)
Odisha: प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार सुनंदा पटनायक का निधन
Odisha: प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार सुनंदा पटनायक का निधन

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। Sunanda Patnaik. प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार सुनंदा पटनायक का निधन हो गया है। उनकी उम्र 85 साल थी। कोलकाता के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम श्वास ली है। सुनंदा प्रख्यात कवि वैकुंठ पटनायक की बेटी थी। गुरुमा के तौर पर परिचित सुनंदा ग्वालियर घराने की संगीतकार थी। सुनंदा का जीवन पात्र मो भरिछि केते मते सबसे लोकप्रिय गीत था। उन्हें ओडिशा संगीत एकेडमी के साथ कई राष्ट्रीय सम्मानित से सम्मानित किया जा चुका था। सुनंदा के जीवनी पर निर्मित प्रमाणिक फिल्म नील माधव राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ प्रमाणिक फिल्म के तौर पर पुरस्कृत हुई थी। उन्हें 2010 में 58वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार नीलमाधव से पुरस्कृत किया गया था।

loksabha election banner

उनके निधन की खबर सुनने के बाद विशिष्ट शास्त्रीय संगीतकार मिताली चिनारा ने कहा है कि सुनंदा पटनायक का निधन पूरे ओडिशा के लिए अपूरणीय क्षति है। वह शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में खुद जहां प्रतिष्ठित थी। उस स्थान पर बहुत कम ओडिआ संगीतकार को देखने को मिलता है। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है।

सुनंदा का जन्म सात नवंबर, 1934 को कटक में हुआ था। उन्होंने मात्र 14 साल की उम्र में कटक आकाशवाणी केंद्र में अपनी सुमधुर आवाज से सभी का दिल जीत लिया था। 1956 में संगीत से स्नातकोत्तर की डिग्री उन्होंने हासिल की थी।

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत एवं ओडिशी संगीत के प्रख्यात गायिका सुनंदा पटनायक भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत के प्रख्यात गुरु पंडित विनायक राव पटवर्द्धन की शिष्या थी। उनके सैकड़ों राग, खयाल एवं तराना आज भी शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के मन में अविस्मरणीय है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल करने वाली सुनंदा पटनायक की लोकप्रिय ओडिआ भक्ति गीतों में निशब्द शरद प्राते:, दुख तुमरी उत्सव दीप, जीवन बंधु जय जय है शामिल हैं। अखिल भारतीय गांधर्व मंडल तथा उत्कल विश्वविद्यालय की तरफ से उन्हें डाक्टरेट की उपाधि से भूषित किया गया था। 

ओडिशा की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.