सूर्योपासना के महापर्व में डूबा ओडिशा
नहाय-खाय के साथ छठ व्रत हुआ आरंभ, घाट को व्यवस्थित करने में जुटी छठ पूजा कमेटी।
भुवनेश्वर, जेएनएन। नहायखाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ रविवार से शुरू हो गया। भुवनेश्वर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में उत्साह पूर्वक व्रत की तैयारी चल रही है। ऐसे में राजधानी भुवनेश्वर में रहने वाले छठ व्रतियों के लिए कुआखाई घाट के अलावा चिंतामणि घाट और टंकपाणी घाट पर आयोजित होने वाली सामूहिक पूजा को लेकर तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। शुक्रवार को कुआखाई घाट पर जो स्थिति थी रविवार को वह स्थिति पूरी तरह से अलग दिखी।
नदी में पानी का बहाव तेज होने से एक अलग ही धारा बन गई। जिसने छठ पूजा कमेटी की मुश्किलें बढ़ा दी। इसे ध्यान में रखते हुए कमेटी की ओर से घाट पर छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए पानी के बहाव के बीच बालू से भरी बोरियों को डालकर अस्थाई रूप से रास्ता बनाया जा रहा है। रविवार को दोपहर में छठ पूजा कमेटी के तमाम सदस्य घाट का मुआयना करने पहुंचे और बदले हालात को देखते हुए सबसे पहले घाट के इस पार से उस पार जाने के लिए अस्थाई रास्ता बनाने के काम में जुट गए। इस काम में जेसीबी की दो मशीनों का प्रयोग किया गया। ताकि नदी में अस्थाई मार्ग के अलावा घाट पर अन्य आवश्यक मरम्मत का काम किया जा सके।
इस अवसर पर छठ पूजा कमेटी अध्यक्ष चंद्र शेखर सिंह, वरिष्ठ सदस्य इंजीनियर राजकुमार, आनंद मोहन, संजय झा, देवाशंकर त्रिपाठी, श्रीराम मंदिर के पुजारी महारुद्र झा, आनंद मोहन, अरुण मिश्रा, अनिल यादव, शंकर यादव, गणेश वर्मा, मणिशंकर ठाकुर, पुनियानंद चौधरी, चंद्रशेखर सिंह, गिरिधारी सिंह, अजीत ओझा, कुमुद कुमार सिंह, पवन कुमार सिंह, चन्द्रभूषण सिंह, विजय साहू आदि सदस्यों ने घाट का मुआयना किया।
ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग
लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान रविवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। व्रती सुबह से ही गंगा सहित नदी घाटों पर उमड़ रहे हैं। वहां स्नान-ध्यान-दान का सिलसिला जारी है। आगे सोमवार को खरना होगा। फिर, मंगलवार को भगवान भास्कर को सायंकालीन व बुधवार को प्रात: कालीन अघ्र्य दिए जाएंगे।व्रती गंगा सहित विभिन्न नदियों व तालाबों के घाटों पर अघ्र्य प्रदान करेंगी। व्रतियों ने जगह-जगह अपने घरों के बाहर तथा छतों पर भी छठ व्रत करने की तैयारी की है। चार दिवसीय अनुष्ठान में ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बन रहा है। व्रत का आरंभ रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग में होने से कार्तिक छठ व्रत का महात्म्य और बढ़ गया है। ऐसा संयोग काफी वर्षों बाद आया है कि रविवार के दिन से चार दिवसीय व्रत का आरंभ हो रहा है।