ओडिशा में उग्र हुआ काजू जंगल विवाद: 2 की मौत, 25 घायल; पुलिस बल तैनात
Cashew forest dispute ओडिशा में काजू जंगल को लेकर नुआसाही एवं आदिवासी साही दो मोहल्लों के बीच जमकर विवाद हुआ जिसमें 25 आदिवासी घायल हो गये हैं ।
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा के नयागढ़ जिला चांदपुर थाना अंतर्गत राईपड़ा में मौजूद काजू जंगल को लेकर नुआसाही एवं आदिवासी साही दो मोहल्लों के बीच शुरु हुआ विवाद अब उग्र रूप धारण कर चुका है। राईपड़ा नुआसाही लोगों के हमले में आदिवासी मोहल्ले के दुर्गा प्रधान तथा बिरंचि प्रधान की मौत हो गई है। इसके साथ ही इस हमले में 25 आदिवासियों के घायल होने की भी सूचना मिली है जिसमें से छह की हालत गंभीर बताई गई है।
घायलों को खुर्दा जिला टांगी सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है हालांकि 6 लोगों की हालत गंभीर होने से उन्हें भुवनेश्वर स्थानांतरित कर दिया गया है। घटना की सूचना मिलने के बाद सरणकुल एसडीपीओ एस टप्पो, चांदपुर आईआईसी धनेश्वर नाहाक, सब इंस्पेक्टर एस एस हरो मौके पर पहुंचकर घटना की छानबीन करते हुए उत्तेजना जारी रहने से गांव में एक सेक्शन पुलिस बल तैनात कर दिया है। नयागढ़ के एसपी ने चांदपुर थाने पहुंचकर कानून व्यवस्था की समीक्षा की है। हालांकि उन्होंने घटनास्थल का दौरा नहीं किया है।
आदिवासी साही के बेणुधर प्रधान के आरोप के मुताबिक राईपड़ा के सरपंच ब्रह्मचारी माझी, नुआसाही के अशोक भट्ट, केलू बेहेरा, सूर माझी, हड़िया बेहेरा, धनु बेहेरा, हाड़िया पलेई के साथ 40 लोगों के नाम पर मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने दुर्गा प्रधान के शव को जप्त करने के साथ पोस्टमार्टम के लिए स्वास्थ्य केंद्र भेजा था। हालांकि आदिवासियों ने सरपंच व अन्य लोगों की गिरफ्तारी करने के साथ क्षतिपूरण देने की मांग करते हुए पंचायत कार्यालय के पास शव को रखकर विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया।
आरोप के मुताबिक आदिवासी मोहल्ले के बेणुधर प्रधान ने 3 साल के लिए 16 लाख 50 हजार रुपए में राईपड़ा काजू जंगल को 2019 में ओडिशा काजू विकास निगम लिमिटेड से नीलम पर लिया था। पहले साल 5 लाख रुपए जमा कर अपने गांव के साथ आस-पास इलाके के आदिवासियों को लेकर काजू जंगल की रखवाली कर रहे थे। शुक्रवार को आदिवासी महिला एवं पुरुष को लेकर बेणुधर काजू जंगल से काजू संग्रह कर रहे थे।
इसी समय सरपंच ब्रह्मचारी माझी के नेतृत्व में 35 से 40 लोग लाठी, डंडा एवं कटारी लेकर काजू जंगल में घुस आए और संघवद्ध तरीके से आदिवासियों पर हमला बोल दिया और उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटने लगे। इस हमले में 25 आदिवासी घायल हो गए। इन घायल आदिवासियों को पहले स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां पर दुर्गा की मौत हो जाने की बात पता चली। भुवनेश्वर एम्स अस्पताल स्थानांतरित किए गए 6 आदिवासियों में से विरंचित की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई है। फिलहाल पुलिस मामले पर पैनी नजर रखते हुए घटना की छानबीन कर रही है। गांव में उत्तेजना को देखते हुए एक सेक्शन पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
Coronavirus: लॉकडाउन अवधि बढ़ाने के बाद अब ओडिशा सरकार का कोविड 19 परीक्षण पर फोकस