स्थायी होंगे राज्य के अस्थाई स्वास्थ्यकर्मी
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में वर्षो से अस्थाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा कालिया छात्रवृत्ति योजना, होम्योपैथिक डॉक्टरों की बहाली, सर्वनिम्न उम्र संशोधन, मेगा लिफ्ट प्रकल्प टेंडर सहित कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
कैबिनेट की शुक्रवार शाम हुई बैठक में लिए निर्णय के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में वर्षो से कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई किया जाएगा। इससे प्रदेश के 8 हजार 195 अस्थाई कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। वहीं, सरकार की महत्वाकाक्षी कालिया छात्रवृत्ति योजना पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इस योजना से प्रदेश के 30 लाख परिवार के बच्चों को छात्रवृत्ति का फायदा मिल पाएगा। इसके तहत तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में पढ़ाई करने वाले गरीब, किसान परिवार के बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए सरकार छात्रवृत्ति प्रदान करेगी। कैबिनेट की इस मंजूरी के बाद कालिया योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसान परिवारों के लिए यह बड़ी सहायता मानी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कालिया योजना के अंतर्गत 30 लाख किसान परिवारों को आर्थिक मद्द का एलान पहले ही किया हुआ है। साथ ही सरकार ने खुशी योजना के अधीन 17 लाख 25 हजार छात्राओं को मुफ्त में सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराएगी। इसके लिए कैबिनेट ने आगामी पांच साल के लिए 476 करोड़ रुपये के खर्च आकलन को मंजूरी दे दी है। सरकार ने होम्योपैथिक डॉक्टरों की भर्ती के समय सर्वनिम्न उम्र को वर्तमान के 32 साल से बढ़ाकर 40 साल कर दिया है। कैबिनेट ने बिजली आपूर्ति करने वाली ग्रिडको को तीन हजार करोड़ की गारंटी प्रदान करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
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मेगा लिफ्ट सिंचाई प्रकल्पों को दी मंजूरी
राज्य कैबिनेट की बैठक में नौ जिलों के जल सिंचाई प्रकल्पों के लिए टेंडर प्रक्रिया को मंजूरी दी गई। जिन जिलों के मेगा लिफ्ट सिंचाई प्रकल्पों को मंजूरी मिली है उनमें अनुगुल, झारसुगुड़ा, संबलपुर, सोनपुर, ढ़ेंकानाल, जाजपुर, केंदुझर, बौद्ध एवं मलकानगिरी शामिल हैं। इन जिलों में कृषि उपयोगी जमीन में खेती के लिए आवश्यक पानी लिफ्ट सिंचाई योजनाओं के जरिए किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। कैबिनेट में लिए गए निर्णय के अनुसार, जाजपुर, केंदुझर और झारसुगुड़ा जिलों में क्लस्टर डीएमएफ के जरिए 14 हजार 900 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसी तरह अनुगुल, बौद्ध और ढेंकानाल जिले के 17 हजार 154 हेक्टेयर जमीन को, सोनपुर एवं संबलपुर जिले के 12 हजार 900 हेक्टेयर जमीन को एवं मलकानगिरी जिले के 12 हजार 914 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
आहार के लिए खर्च की सीमा बढ़ी
राज्य सरकार द्वारा गरीब लोगों के लिए चलाई जा रही मध्याह्न भोजन योजना 'आहार' के लिए होने वाले खर्च में भी वृद्धि की गई है। पहले सरकार द्वारा प्रत्येक आहार मिल के लिए 20 रुपये खर्च किए जाते थे। अब इसे बढ़ाकर 23 रुपये प्रति मिल कर दिया गया है। हालाकि आहार योजना के अंतर्गत हिताधिकारियों को प्रति थाली पांच रुपये ही देना होगा। जैसा कि वे पहले से देते आ रहे हैं। राज्य कैबिनेट ने आहार योजना मिल के खर्च वृद्धि प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। राज्य सरकार ने वर्ष 2015 से प्रदेश के पांच महानगरों में आहार मध्याह्न भोजन योजना का शुभारंभ किया था। आज यह 30 जिलों के 114 शहरी क्षेत्रों में चलाई जा रही है। वर्तमान पूरे प्रदेश में 157 आहार केंद्र खोले गए हैं। दिसंबर माह से अस्पताल के निकट बने आहार केंद्रों में रात को भी भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।