बीजेपुर से नवीन को टक्कर देने भाजपा खोज रही सूरमा
एक रणनीति के तहत पश्चिम ओडिशा से उम्मीदवार बने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ दमदार प्रत्याशी की खोज भाजपा ने शुरू कर दी है।
संसू, भुवनेश्वर : एक रणनीति के तहत पश्चिम ओडिशा से उम्मीदवार बने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ दमदार प्रत्याशी की खोज भाजपा ने शुरू कर दी है। पश्चिम ओडिशा में भाजपा को रोकने के लिए मुख्यमंत्री सह बीजू जनता दल प्रमुख नवीन पटनायक ने बरगढ़ जिला के बीजेपुर विधानसभा क्षेत्र से लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने बीजेपुर से पूर्व विधायक रिपुनाथ सेठ को मैदान उतारा है। बीजेपुर कांग्रेस का गढ़ रहा है। बीजद की लहर के बावजूद कांग्रेस के दिवंगत नेता सुबल साहू यहां से लगातार 3 बार चुनाव जीतने मे सफल रहे थे। हालांकि उनकी असमय मृत्यु के बाद बीजू जनता दल ने उनकी पत्नी रीतारानी साहू को उपचुनाव में बीजेपुर से उम्मीदवार बनाया और यह सीट जीत ली थी। अब खुद मुख्यमंत्री यहां से दावेदारी पेश कर रहे हैं। इससे बीजेपुर की सीट महत्वपूर्ण बन गई है। हर राजनीतिक दल के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है। कांग्रेस ने बीजेपुर सीट से पूर्व विधायक रिपुनाथ सेठ को मुख्यमंत्री के खिलाफ लड़ाने का निर्णय लिया है। रिपुनाथ सेठ 1995 से बीजेपुर से विधायक रह चुके हैं। अब मुख्यमंत्री के खिलाफ भाजपा किसे मैदान में उतार रही है, यह देखने की बात होगी।
भाजपा में भी असंतोष
अन्य दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं को पार्टी टिकट दिए जाने से भाजपा में भी जगह-जगह असंतोष सुलगने लगा है। इससे निपटना भाजपा नेताओं के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। मामला भुवनेश्वर के भाजपा कार्यालय में ताला जड़ने का हो या फिर लक्ष्मीपुर भाजपा मुख्यालय में तोड़फोड़ का, भाजपा के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने बीजद और कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं का न केवल जमकर स्वागत किया अपितु कइयों को टिकट देकर अपने ही कार्यकर्ताओं का गुस्सा मोल ले लिया है। भाजपा ने अब तक घोषित 121 विधानसभा सीट में से अनेक सीट पर दल-बदलू नेताओं को उम्मीदवार घोषित किया है। भुवनेश्वर के एकाम्र सीट से बीजद छोड़कर आए बाबू सिंह को उम्मीदवार बनाना दल को भारी पड़ा है। पिछली बार के उम्मीदवार अमीय दास के समर्थक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, सुंदरगढ़ से विधानसभा सीट के लिए बीजद छोड़कर आई कुसुम टेटे का कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं।
राजकिशोर दास ने छोड़ी भाजपा, बीजद में जाने की अटकलें
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राज किशोर दास ने रविवार को पद के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बसंत पंडा के पास भेज दिया है। राजकिशोर दास मयूरभंज जिला के मोरणा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे थे। जिले की अन्य सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा हो जाने के बावजूद मोरणा सीट से भाजपा ने अभी अपना पत्ता नहीं खोला है। इससे वह नाराज थे। लंबे समय से मयूरभंज जिला भाजपा के लिए काम करने वाले राजकिशोर दास मोरणा विधानसभा सीट से 3 बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बीजू जनता दल में उनके शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। राजकिशोर दास ने कहा कि मैं 8 साल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक शाखा में जा रहा था। आज भी स्वयंसेवक हूं। भाजपा प्रतिष्ठा होने के दिन से पार्टी में था। जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी और धर्मेद्र प्रधान केंद्रीय मंत्री बने तथा वह ओडिशा का नेतृत्व भार संभाला है, मेरे ऊपर अन्याय व अत्याचार होने लगा। पार्टी में हर दिन मुझे तकलीफ दी जा रही थी। मुझे लग रहा था एक दिन मुझे न्याय मिलेगा। न्याय जब नहीं मिला तब हमने पार्टी छोड़ी है।
खरियार के विधायक दुर्योधन बीजद में शामिल
नुआपड़ा जिला के खरियार के विधायक तथा पूर्व मंत्री दुर्योधन माझी बीजू जनता दल में शामिल हो गए हैं। बीजद अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में नवीन निवास जाकर माझी ने बीजू जनता दल की सदस्यता ग्रहण की। विधायक माझी ने शुक्रवार को भाजपा से इस्तीफा दिया था। भाजपा यादव कार्ड खेलकर चिटफंड भ्रष्टाचार में संलिप्त खरियार के पूर्व विधायक हितेश कुमार बगर्ती की पत्नी रीतारानी बगर्ती को टिकट दिया है। दुर्योधन माझी के इस्तीफा के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बसंत पंडा ने कहा कि 80 साल से अधिक आयु के उम्मीदवार को टिकट नहीं देने का पार्टी ने निर्णय लिया है। इसीलिए उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय है कि दुर्योधन माझी 1990, 1995 में जनता दल एवं 2000 एवं 2004 में बीजू जनता दल के टिकट से चुनाव लड़ा था। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। 2014 में उन्हें बीजू जनता दल ने टिकट नहीं दिया। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे। अब एक बार फिर वह अपनी पुरानी पार्टी बीजू जनता दल में शामिल हो गए हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में तोड़फोड़
उम्मीदवारों की सूची सामने आने के बाद राजनीतिक दलों में विरोध का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस, भाजपा, बीजू जनता दल, हर पार्टी में असंतोष का गुबार फूट रहा है। स्थिति यह है कि धरना प्रदर्शन के साथ अब तोड़फोड़ तक की जा रही है। शनिवार देर शाम को कुछ ऐसा ही नजारा राज्य कांग्रेस मुख्यालय में देखने को मिला। भुवनेश्वर एकाम्र विधानसभा क्षेत्र से शेख अमीर मोहम्मद एवं रश्मिरेखा महापात्र दावेदार थे। रश्मिरेखा महापात्र को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बना इससे नाराज दूसरे गुट के समर्थकों ने शनिवार रात को कांग्रेस भवन में घुसकर हंगामा मचाने के साथ जमकर तोड़फोड़ की। असंतुष्टों ने राहुल गांधी एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेस भवन के मुख्य फाटक में ताला जड़ दिया। साथ ही कांग्रेस मुख्यालय के सामने लगे पोस्टर एवं बैनर फाड़ दिए। सूचना मिलने पर कैपिटल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा-बुझाकर वापस भेजा। बाद में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी प्रदर्शन कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं से बात की। कैपिटल थाना प्रभारी गिरिजा शंकर चक्रवर्ती के अनुसार, थाना में किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गई है। शिकायत मिलने के बाद घटना की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस भवन के पास पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।