संबलपुर से कोलकाता हो रही थी प्रतिबंधित मांस की तस्करी, हिंदू संगठन के युवकों की सूझबूझ से एक कंटेनर जब्त
संबलपुर में हिंदू संगठन के युवकों की मदद से प्रतिबंधित मांस से लदे एक कंटेनर को जब्त करने में मदद मिली है। जबकि ऐसे दो और कंटेनर फरार हो गए हैं। मांस के नमूने टेस्ट के लिए भेजे गए हैं।
संवाद सूत्र, संबलपुर। प्रतिबंधित मांस की तस्करी के आरोप में स्थानीय सदर पुलिस ने कोलकाता के दो तस्करों को गुरुवार के दिन गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। प्रतिबंधित मांस की तस्करी के इस घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भाजपा और हनुमान जयंती समन्वय समिति के नेताओं ने संबलपुर पुलिस की निष्क्रियता की निंदा करने समेत अफसोस जताया है कि पुलिस अपनी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं करती और इस बारे में सूचित किए जाने के बावजूद तस्करों को पकड़ने की कोई कोशिश नहीं करती।
मांस से लदे कंटेनर को हिंदू संगठन के युवकों ने पकड़ा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार की रात हिंदू संगठन के कुछ युवकों ने प्रतिबंधित मांस की तस्करी के संदेह में स्थानीय सोनापाली इलाके से निकले तीन कंटेनरों का पीछा करते हुए एक कंटेनर को सदर थाना इलाके में रोका और कंटेनर के अंदर छिपाकर रखे गए प्रतिबंधित मांस का पता लगाने के बाद सदर पुलिस को सूचित किया। इस दौरान अन्य दो कंटेनर फरार हो गए। प्रतिबंधित मांस के साथ पकड़ाए कंटेनर चालक मफीजुल मज्जी और खलासी नजीमुल मुल्ला को सदर पुलिस के हवाले किया गया।
टेस्ट के लिए भेजा गया जब्त मांस का नमूना
उधर, प्रतिबंधित मांस की जब्ती के बाद जिला पशु अस्पताल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. दीपक कुमार महंत ने मांस के बड़े-बड़े टुकड़े जब्त होने की बात को स्वीकार करते हुए बताया है कि जब्त मांस का नमूना जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद स्पष्ट हो सकेगा कि मांस किस पशु का था।
हिंदू संगठनों ने की इसकी निंदा
इस घटना के बाद बजरंग दल के पश्चिम प्रांत संयोजक सुधीर रंजन बहिदार, हनुमान जयंती समन्वय समिति के महासचिव समीर रंजन बाबू, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रामचंद्र मेहेर आदि ने संबलपुर में प्रतिबंधित मांस के कारोबार और इसकी तस्करी पर असंतोष जताते हुए आरोप लगाया है कि संबलपुर से नियमित रुप से प्रतिबंधित मांस की तस्करी होती है, लेकिन पुलिस अपनी तरफ से कुछ नहीं करती। इस बारे में पुलिस को सूचित किए जाने के बावजूद पुलिस का रवैया निराशाजनक रहने से तस्करों को बचकर निकल जाने का मौका मिल जाता है।