Balangir Crime: कोचिंग क्लास की आड़ में नकली सर्टिफिकेट के गोरखधंधे का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड सहित 19 गिरफ्तार
Odisha Crime News बलांगीर शहर में कोचिंग क्लास की आड़ में चल रहे बड़े पैमाने के नकली सर्टिफिकेट के गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड सहित 19 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
संबलपुर, संवाद सूत्र। पश्चिम ओडिशा के बलांगीर शहर में कोचिंग क्लास की आड़ में चल रहे बड़े पैमाने के नकली सर्टिफिकेट के गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड मनोज मिश्र और उसके साथी आलोक उदगाता समेत 19 को गिरफ्तार कर सोमवार के दिन न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा- 420,120 बी, 467, 468, 471 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। ऐसे बताया जा रहा है कि ओडिशा के इतिहास में संभवत: यह पहली ऐसी घटना है, जिसमें देश के विभिन्न प्रदेशों के 41 विश्वविद्यालय, बोर्ड और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के एक हजार सर्टिफिकेट और मार्कशीट जब्त हुआ।
एक शक और खुला गोरखधंधे का राज
सोमवार के अपरान्ह, बलांगीर टाऊन थाना में आयोजित प्रेसवार्ता में जिला पुलिस अधीक्षक नितिन कुशलकर ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में डाक विभाग के बलांगीर मंडल में कुछ पदों में नौकरी के लिए आवेदन मंगवाया गया था, जहां एक आवेदनकर्ता के मार्कशीट को लेकर संदेह हुआ।
इसके बाद डाक अधीक्षक राजेंद्र पटनायक ने 24 मार्च के दिन बलांगीर टाऊन थाना में इस आशय का रिपोर्ट दर्ज कराया था। इस रिपोर्ट को दर्ज कर जब पुलिस ने जांच पड़ताल की तब बड़े पैमाने पर जारी नकली सर्टिफिकेट कारोबार का पता चला।
पुलिस अधीक्षक कुशलकर ने बताया कि बलांगीर के मिशन मैदान के निकट इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड मनोज मिश्र का रिलायंस एजुकेशन कॉम्प्लेक्स है, जहां वह कोचिंग क्लास भी चलती थी और इसकी आड़ लेकर पिछले करीब आठ वर्षों से नकली सर्टिफिकेट बनाकर बेचने का कारोबार कर रहा था।
एक नकली सर्टिफेकेट के लिए लाखों की वसूली
एक नकली सर्टिफिकेट के लिए वह एक लाख से पांच लाख रुपए तक वसूलता था। उससे नकली सर्टिफिकेट खरीदकर दर्जनों लोग सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में काम कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि मास्टरमाइंड मनोज का एक खास साथी आलोक उदगाता भी इस नकली सर्टिफिकेट कारोबार में शामिल है।
इनके अलावा इस कारोबार में कई दलाल और विभिन्न विश्वविद्यालय और बोर्ड के कर्मचारियों से भी मास्टरमाइंड मनोज का संपर्क है।
पिछले तीन दिनों की जांच पड़ताल के बाद मास्टरमाइंड मनोज के ठिकाने से विभिन्न विश्वविद्यालय और बोर्ड के एक हजार नकली सर्टिफिकेट और मार्कशीट, वरिष्ठ अधिकारियों के 27 मोहर और स्टांप, कंप्यूटर, हार्डडिस्क, मोबाइल फोन, जमीन के कागजात, नकद 3 लाख 67 हजार 600 रुपए और डायरी आदि जब्त किया गया।
41 विवि- बोर्ड के एक हजार सर्टिफिकेट जब्त
जब्त नकली सर्टिफिकेट और मार्कशीट उत्तरप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, मेघालय, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु के कई जानेमाने विश्वविद्यालय, बोर्ड और प्रौद्योगिकी संस्थानों के हैं।
नकली सर्टिफिकेट के इस गोरखधंधे के पर्दाफाश होने के बाद उन मेधावी विद्यार्थियों में रोष देखा जा रहा है, जिनके हक पर नकली सर्टिफिकेट वाले डाका डालकर असली नौकरी कर रहे हैं, जबकि असली सर्टिफिकेट पाकर भी उन्हें नौकरी के लिए यहां वहां भटकना पड़ रहा है।
नकली सर्टिफिकेट कारोबार का पर्दाफाश करने के बाद पुलिस अधीक्षक कुशलकर ने आगे बताया कि 19 आरोपियों की गिरफ्तारी कोई बड़ी गिरफ्तारी नहीं है। इस कारोबार में दर्जनों और लोग शामिल हैं। पुलिस उनका पता लगा रही है और जल्द ही उन्हें भी पकड़कर कानून के हवाले किया जाएगा ।