नेता विपक्ष पर आक्रामक भाजपा विधायकों ने नहीं चलने दिया सदन
कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) को एक बताकर एवं नेता विरोधी दल पर शासक दल के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को भाजपा विधायकों ने सदन नहीं चलने दिया।
जागरण सवंाददाता, भुवनेश्वर : कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) को एक बताकर एवं नेता विरोधी दल पर शासक दल के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए भाजपा विधायकों ने मंगलवार को सदन में जमकर हंगामा किया। इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप कुमार अमात ने सदन की कार्यवाही पहले साढ़े 11 बजे तक एवं फिर अपराह्न तीन बजे तक मुलतवी घोषित कर दी। विस अध्यक्ष ने सदन को सुचारु रूप से चलाने के लिए सर्वदलीय बैठक भी बुलायी है।
इससे पूर्व मंगलवार को भाजपा विधायक सदन की कार्यवाही शुरू होते ही
नेता विरोधी दल पर शासक दल के इशारे पर काम करने का आरोप लाते हुए हो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि वर्ष 2014 में जिस प्रकार से भूपिन्दर ¨सह नेता विरोधी दल रहते अपने फायदे के लिए सरकार के साथ मिले हुए थे, आज भी वही हाल है। राज्यवासियों के हितों को अनदेखी कर नेता विरोधी दल अपने फायदे के लिए सरकार के साथ अंदरूनी साठगांठ किए हुए हैं। सदन में भाजपा विधायकों को राज्य की समस्या उठाने तक के लिए कांग्रेस अवसर नहीं दे रही है। भाजपा जब भी कोई प्रसंग उठाना चाहती है तो कांग्रेस के विधायक जानबूझकर उसमें रोड़ा डालने का काम कर रहे हैं। भाजपा के आरोप को शासक दल बीजद के विधायकों ने भी चुनौती देते हुए शोर-शराबा शुरू कर दिया। बीजद के सदस्य अपनी सीट से खड़े हो गए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विधानसभा में हंगामा जारी रहने से अध्यक्ष प्रदीप अमात ने सदन की कार्यवाही को पहले 11:30 बजे तक एवं फिर अपराह्न 3 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया और सदन को सुचारु रूप से चलाने को सर्वदलीय बैठक बुलायी है।
जनतंत्र की हत्या करने में माहिर है भाजपा : नेता विपक्ष
इधर, भाजपा के आरोप पर नेता विरोधी दल नर¨सह मिश्र ने कहा कि भाजपा को जनतंत्र के बारे में कुछ भी पता नहीं है। जनतंत्र की हत्या करने में भाजपा माहिर है। राज्य में अपनी पहचान खो चुकी भाजपा इस तरह आरोप लगा रही है। बीजद कांग्रेस नहीं बल्कि बीजद एवं भाजपा में अंदरूनी साठगांठ है। दोनों के बीच बहुत पहले ही करार हो चुका है। केंद्र में कई महत्वपूर्ण प्रसंग पर बीजद भाजपा को समर्थन देता है। मिश्र ने सवाल किया कि बीजद नेता के खिलाफ सीबीआइ कदम क्यों नहीं उठा रही है। खदान भ्रष्टाचार को लेकर शाह आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद भी सीबीआइ चुप है, भाजपा के सदस्यों को इसका जवाब देना चाहिए।