नहीं थम रहा हाथियों की मौत का सिलसिला, मुंडेश्वर के जंगल में मिला हाथी का शव
ओडिशा के मुंडेश्वर आरक्षित वन में हाथी का शव मिला है जिस पर गोली लगने के निशान है शव काेे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
भुवनेश्वर, एएनआइ। देश में हाथियों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। केरल में गर्भवती हथिनी की मौत के बाद से पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर कई हाथियों की मौत का मामला सामने आ चुका है। ओडिशा के बौध में माधापुर वन रेंज के अंतर्गत मुंडेश्वर आरक्षित वन में एक हाथी मृत पाया गया है। प्रभागीय वनाधिकारी जसोबांता सेठी का कहना है कि, '' हाथी दांत गायब नहीं हुआ है। हाथी के शव पर गोली लगने के निशान हैैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।”
मिली जानकारी के अनुसार ओडिशा के जंगल में मिलेे इस हाथी के शव पर गोलियों के निशान भी मिले हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसे शिकारियों ने मारा है। दरअसल, दकापडार गांव की कुछ महिलाएं माधापुर के मुंडेश्वरा जंगल में मशरूम लेने गई थीं। उन्होंने ही हाथी के शव को देखा। इस मामले में वन अधिकारियों का कहना है कि हाथी की मौत 2-3 दिन पहले हुई होगी। ज्ञात हो कि बीते कुछ दिनों में हाथियों के मरने का यह तीसरा मामला है। इससे पहले एक नर, एक मादा हाथी का शव मिल चुका है।
छत्तीसगढ़ में भी जारी है हाथियों की मौत का सिलसिला
छत्तीसगढ़ में भी हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है। राज्य में नौ दिन में छह हाथियों की मौत हो चुकी है। वहीं धमतरी और रायगढ़ में दो हाथी मृत मिले हैं। धमतरी में साढ़े तीन साल का नर हाथी दलदल में फंसकर मर गया। जबकि, रायगढ़ जिले में किसान द्वारा सबमर्सिवल पंप के लिए अवैध रूप से खींची गई बिजली की लाइन की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। वन अधिकारी की टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन की। मृत हाथी का नाम गणेश है, जिसने 19 लोगों की जान ली थी और ये हाथी 14 मई से फोरेस्ट वालों के राडार से गायब है। बता दें कि सूरजपुर के प्रतापपुर में 9 और 10 जून को एक गर्भवती हथिनी सहित 2 मादा हाथियों की मौत हो गई थी। बलरामपुर में भी एक हथिनी की मौत हो चुकी है। धमतरी में माडमसिल्ली के जंगल में दलदल में फंसने से हाथी के बच्चे की मौत हुईं। वहीं, रायगढ़ के 16 और 18 जून को 2 हाथियों की मौत हुई।