Super Cyclone Amphan: सुपर साइक्लोन में तब्दील हुआ एम्फन, ODRAF और NDRF की टीमें तैनात
Super Cyclone Amphan समुद्री तूफान एम्फन अब सुपर साइक्लोन में तब्दील हो गया है एम्फान के प्रभाव से तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गयी है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। दक्षिण बंगाल की खाड़ी में बना समुद्री तूफान एम्फन अति भीषण समुद्री तूफान अर्थात सुपर साइक्लोन में तब्दील हो गया है। अति भीषण समुद्री तूफान का रूप धारण कर चुके एम्फान के प्रभाव से 19 एवं 20 मई को ओडिशा के तटीय जिलों में 120 से 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ भारी से भारी बारिश होगी। यह जानकारी आज विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने दी है। जेना ने कहा है कि 20 मई को एम्फान के पश्चिम बंगाल के दीघा एवं बांग्लादेश के हाटिया द्वीप के बीच अति भीषण रूप में ही स्थल भाग से टकराने का अनुमान किया गया है। हालांकि निश्चित रूप से किस जगह पर टकाराएगा, यह अभी भी स्पष्ट नहीं हुआ है।
ODRAF और NDRF की टीमें तैनात
सुपर साइक्लोन के भयंकर रूप को देखते हुए प्रभावित होने वाले जिलों के लिए ओड्राफ, एनडीआरएफ की 25 टीम भेज दी गई है। इसके अलावा आज और 2 एनडीआरएफ टीम भद्रक में 1 और बालेश्वर में 1 टीम भेजी गई है। पुलिस महानिदेशक बालेश्वर जिले के दौरे पर गए हैं जबकि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक केन्द्रापड़ा, जगतसिंहपुर जिले के दौरे पर हैं। फायर सर्विस टीम रिजर्व में तैनात पर रखा गया है। प्रभावित होने वाले प्रत्येक जिले में जेसीबी, बिजली विभाग की टीम, लेबर आदि को तैनात रखा गया है। निचले इलाके में कच्चे मकान, छप्पर के मकान में रहने वाले लोगों को आश्रय स्थल में चले जाने के लिए अनुरोध करने के साथ उनके स्थानान्तरण की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।
इन जिलों में बारिश की संभावना
जेना ने कहा कि एम्फन के प्रभाव से आज शाम से ही प्रदेश के गंजाम, गजपति, पुरी, केन्द्रापड़ा आदि जिले में बारिश होने की उम्मीद है। 19 एवं 20 मई को उत्तर ओडिशा के पांच जिले बालेश्वर, भद्रक, जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, मयूरभंज जिले में भारी से भारी जबकि पुरी, खुर्दा एवं कटक जिले में भी भारी बारिश होगी। वर्तमान समय में यह पारादीप से 780 किमी. एवं दीघा से 930 किमी. दूरी पर पर है और धीरे-धीरे शक्तिशाली होते जा रहा है।
भीषण समुद्री तूफान
मीडिया को जानकारी देते हुए जेना ने कहा कि सुपर साइक्लोन का रूप धारण कर चुका समुद्री तूफान एम्फन वर्तमान समय में पारादीप से दक्षिण में 780 किमी की दूरी पर है और उत्तर दिशा में 8 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से गति कर रहा है। समुद्र के अन्दर इस समय 230 से 265 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है, जो कि 12 घंटे तक जारी रहेगी। इसके बाद हवा की स्पीड कम होगी और एम्फन अति सीवियर हो जाएगा और समुद्र के अन्दर भीषण समुद्री तूफान के हिसाब से गति कर तट से टकराएगा।
इन जिलों में भारी बारिश का अनुमान
जेना ने कहा कि प्रदेश के तटीय जिलों में 19 मई सुबह से 20 मई सुबह तक भारी से भारी बारिश होने का अनुमान है। बालेश्वर, भद्रक, केन्द्रापड़ा, जगतसिंहपुर जिले में पवन की गति 19 मई को सुबह से ही 75 से 85 किमी. प्रति घंटा होगी जबकि 20 मई को सुबह से जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, भद्रक, बालेश्वर मयूरभंज जिले में यानी तटीय जिलों में 110 से 120 किमी. हवा चलने की उम्मीद है। यही कारण है कि प्रभावित होने वाले जिलों के जिलाधीशों को कच्चा घर, चाल घर, एजबेस्टस घर में रहने वाले लोगों को नजदीकी आश्रय स्थल में स्थानान्तरित करने को निर्देश दिया गया है, यह प्रक्रिया आज अपराह्न से शुरु हो कर दी गई है। 19 मई से पहले प्रभावित होने वाले सभी लोगों को स्थानान्तरित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही क्वारंटाइन सेंटर में जो लोग हैं, और रिपोर्ट निगेटिव है, उन्हें उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। मछुआरों को समुद्र में ना जाने की पहले ही हिदायत दी गई है। मछुआरों को नाव, मोटरचालित नाव को अच्छी तरह से बांध कर रखने को कहा गया है, अन्यथा नावों के नुकसान होने का अनुमान है।
लोगों से परिवार की सुरक्षा का अनुराेध
लोगों से खुद के साथ अपने परिवार की सुरक्षा करने को अनुरोध एसआरसी ने कहा है कि बात्या के समय सबसे पहले हमारा कर्तव्य है कि खुद के साथ अपने परिवार की सुरक्षा करना है। ऐसे में लोगों से अनुरोध है कि वे अपने घर में रहकर रिस्क लेने के बदले आश्रय स्थल में चले जाएं। प्रशासन की तरफ से लोगों के लिए आश्रय स्थल की व्यवस्था की गई है ऐसे में लोग प्रशासन की मदद करें। आश्रय स्थल को जाते समय जरूरी कागजात जैसे जमीन के कागजात, गहना, गाड़ी के कागजात अपने साथ ले जाएं। रेडियो है तो इसका उपयोग करें। इससे खबर के बारे में अपडेट रह सकते हैं। आश्रय स्थल में रहते समय लोगों को सूखा एवं पका हुआ खाद्य दिया जाएगा। इसमें यदि कोई असुविधा होती है तो उसको लेकर किसी प्रकार की असुविधा पैदा न करें। चाल घर या कच्चे घर में कोई ना रहे।पहली बार हवा आने के बाद रिटर्न हवा भी चलेगी ऐसे में इसका ध्यान रखने की जरूरत है।