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अहिंसा यात्रा से राज्य को मिलेगी नई ऊर्जा

अहिंसा यात्रा मे ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंचे महातपस्वी

By Edited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 02:54 AM (IST)
अहिंसा यात्रा से राज्य को मिलेगी नई ऊर्जा
अहिंसा यात्रा से राज्य को मिलेगी नई ऊर्जा

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : अहिंसा यात्रा मे ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंचे महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमण के व‌र्द्धमान महोत्सव मे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी सोमवार को जैन धर्म गुरु आचार्य का मंगल सानिध्य लिया। आचार्यश्री ने मुख्यमंत्री और ओडिशवासियो को आशीर्वाद दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य की अ¨हसा यात्रा से ओडिशावासियो को नई ऊर्जा मिलेगी और उनमे आध्यात्म का संचार होगा। मुख्यमंत्री ने अहिंसा यात्रा के त्रिआयामी उद्देश्यो को समाज निर्माण मे अहम बताया। इस दौरान क्षेत्रीय सांसद प्रसन्न पाटशाणी, विधायक बादल महांती, प्रियदर्शी मिश्र, मेयर अनंत नारायण जेना आदि ने भी आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया तथा उनके त्रिआयामी उद्देश्यो को आत्मसात करने की कामना की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तेरापंथ कन्या मंडल की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया तथा बालिकाओ को प्रोत्साहित किया।

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इससे पूर्व जैन धर्माचार्य आचार्य महाश्रमण ने व‌र्द्धमान महोत्सव के संबंध मे विस्तार से चर्चा की। जैन धर्म गुरु ने लोगों से आह्वान किया कि वे नियमित स्वाध्याय करें। मुख से पाठकचारण करे। दर्शन का विकास करें। उन्होने कहा कि देश एवं राज्य का विकास त्रिआयामी उद्देश्य नैतिकता, सदभावना, नशामुक्ति के बिना संभव नही हैं। जैन धर्म गुरु ने बताया कि मर्यादा महोत्सव से पहले व‌र्द्धमान महोत्सव होता है। व‌र्द्धमान के तीन संदर्भ हैं। महाश्रमण जी ने कहा कि प्रभु व‌र्द्धमान जिस प्रकार से व‌र्द्धमान थे, उनसे प्रेरणा लेकर हमें भी व‌र्द्धमान बनना चाहिए। व‌र्द्धमान से आदमी विकास की ओर बढ़ता है। जिस दिन आदमी का पूर्ण विकास हो जाता है वह उसी दिन सिद्ध हो जाता है। जो सिद्ध नही हैं उन्हें व‌र्द्धमान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। कहा कि व‌र्द्धमान महोत्सव का दूसरा अर्थ गुणात्मक संख्या वृद्धि है। आचार्य ने कहा कि दीक्षा सभी को देख परख कर देनी चाहिए। इस अवसर पर महाश्रमण ने राज्य के लोगों से परस्पर सहयोग बनाए रखने की अपील की। साथ ही ज्ञान के क्षेत्र में गुणात्मक वृद्धि करने पर जोर दिया।


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