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ओडिशा के समुद्री तट पर आया नया मेहमान, गंजाम के तट पर दुर्लभ हरे रंग के कछुए ने दी दस्‍तक, 140 किलो है वजन

ओडिशा में गंजाम जिले के रुशिकुल्या रूकेरी पर ओलिव रिडले के साथ एक और नए मेहमान ने कल दस्‍तक दी थी। यह एक दुर्लभ हरे रंग का कछुआ है जो 140 किलोग्राम वजनी है। दो घंटे तक तट पर रहने के बाद यह वापस समुद्र में चला गया।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:57 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:57 AM (IST)
ओडिशा के समुद्री तट पर आया नया मेहमान, गंजाम के तट पर दुर्लभ हरे रंग के कछुए ने दी दस्‍तक, 140 किलो है वजन
ओडिशा के तट पर नए मेहमान का हुआ आगमन

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। गंजाम जिले के रुशिकुल्या रूकेरी पर इस सीजन 6.37 लाख ओलिव रिडले कछुओं का अंडा देने के लिए आगमन हुआ है। इसी दरमियान एक और मेहमान ने भी दस्‍तक दी है, जो एक दुर्लभ प्रजाति का हरे रंग का कछुआ है। लगभग 140 किलोग्राम वजनी विशालकाय इस दुर्लभ हरे समुद्री कछुए पर सोमवार को वन क्षेत्र के कर्मचारियों की नजर पड़ी। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि तट पर इसने भी अंडे दिए हैं भी या नहीं। 

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दो घंंटे तक तट पर रहा कछुआ

खलीकोट रेंज के अधिकारी सिद्धार्थ शंकर साहू ने बताया कि कछुआ समुद्र में लौटने से पहले लगभग दो घंटे तक तट पर रहा। हम इस विशाल कछुए को देखकर हैरान रह गए, जो लगभग दो घंटे तक इधर-उधर घूमता रहा और फिर बिना अंडे दिए वापस समुद्र में चला गया। हालांकि, इस दौरान हमने उसके वजन और लंबाई-चौड़ाई को  माप लिया।

140 किलोग्राम है नए मेहमान का वजन

कछुआ 1.45 मीटर लंबा और 102 सेमी चौड़ा था। साहू ने बताया कि इसका वजन करीब 140 किलोग्राम था और रंग हरा था। ओलिव रिडले के अंडों की सुरक्षा के लिए तट पर तैनात वन कर्मचारियों ने यह सुनिश्चित किया कि इस दुर्लभ समुद्री कछुए को किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो।

बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) के निदेशक डॉ. बिवास पांडब ने कहा कि वयस्क हरे समुद्री कछुए को पहली बार रुशिकुल्या रूकेरी में देखा गया। गौरतलब है कि पांडब ने किश्ती में ओलिव रिडले कछुओं के व्यवहार पर शोध करने में काफी समय बिताया है।

ओडिशा के तट पर पहली बार आया नजर 

उन्होंने कहा कि करीब दो दशक पहले हरे रंग के समुद्री कछुए तट पर घूमते पाए गए थे। उन्होंने कहा कि हमें उम्‍मीद थी कि तट पर उसका भी घोंसला बनेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हालांकि, इस बार घोंसले के लिए कछुए की वापसी की प्रबल संभावना है, लेकिन हैचिंग का पता बाद में ही लगाया जा सकता है। गोखराकुडा में समुद्री कछुआ संरक्षण समिति के सचिव रवींद्र साहू ने कहा कि वयस्क हरे कछुए लक्षद्वीप, अंडमान और गुजरात में पाए जाते हैं, लेकिन ओडिशा तट के पास कभी नहीं देखे गए हैं।


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