दुष्कर्म घटनाओं में 92.5 फीसद रिश्तेदार व पड़ोसी जिम्मेदार पाए गए
डीजीपी ने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान आसान है, थोड़ी मुस्तैदी की जरूरत है। उनका दावा है कि 81 फीसद मामलों में 72 घंटे में गिरफ्तारियां हुईं
भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्य के पुलिस महानिदेशक आरपी शर्मा ने नाबालिग से बलात्कार को शर्मसार करने वाली घटनाएं बताते हुए कहा कि पुलिस ने 24 घंटे के भीतर अभियुक्तों की गिरफ्तारियां की हैं। उन्होंने क्राइमब्रांच के एक अध्ययन के हवाले से कहा कि ऐसी घटनाओं में 92.5 प्रतिशत वारदातों में रिश्तेदार व पड़ोसी जिम्मेदार पाए गए हैं।
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान आसान है, थोड़ी मुस्तैदी की जरूरत है। उनका दावा है कि 81 फीसद मामलों में 72 घंटे में गिरफ्तारियां हुईं और रिपोर्ट दर्ज की गई तथा सीआरपीसी में 164 में बयान दर्ज करके सबूत जुटाते हुए कार्रवाई की गयी है। डीजीपी ने बताया कि मंगलवार को वीडियो कांफ्र्रेंंसग के जरिये एसपी, डीसीपी को ऐसे अपराध रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने को कहा गया है। केस तुरंत दर्ज करके जांच और एक्शन लिए जाने की हिदायत देते हुए जितनी जल्दी हो अभियुक्त की गिरफ्तारी की जानी चाहिए। सबूत जुटाकर फौरन आरोप पत्र दाखिल किया जाना चाहिए। डीजीपी ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि चार हफ्ते के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में मुकदमों के दौरान एक विशेष एसपी और जांच अधिकारी अलग से नियुक्त किया जाएगा। जांच अधिकारी को जवाबदेह बनाया गया है कि वह कोर्ट से समन्वय बनाकर चले। कोर्ट का फैसला जल्द से जल्द हो, इसके लिए पुलिस हर संभव सबूत आदि पेश करने का प्रयास करेगी। डीजीपी ने कहा कि यौन हिंसा के मामलों में 10 से 11 प्रतिशत ही सजा हो पाती है। उनकी कोशिश है कि दुष्कर्म के मामलों में सजा का प्रतिशत बढ़े, अभियुक्त किसी भी कीमत पर छूटने न पाए। डीजीपी ने बताया कि वर्ष 2018 में यह रिपोर्ट संतोषजनक है। इस साल कनविक्शन दर 38.5 प्रतिशत है।