महिला के पेट से निकला 57 किलो का विशाल ट्यूमर, 5 घंटे चला ऑपरेशन
ओडिशा के खुर्दा जिले में एक महिला के पेट से 57 किलोग्राम वजन का एक विशाल ट्यूमर ( 57 kg huge tumor) निकाला गया है। डॉक्टरों की टीम द़वारा पांच घंटे तक ऑपरेशन करने के बाद ये ट्यूमर निकालने में कामयाबी मिली।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में खुर्दा जिले के टांगी थाना अन्तर्गत कुहुड़ी में मौजूद एक नर्सिंगहोम में एक महिला के पेट से आपरेशन कर 57 किलोग्राम वजन का एक विशाल ट्यूमर निकाला गया है। ट्यूमर निकाले जाने के बाद महिला के स्वस्थ होने की सूचना है।
पांच घंटे तक चला आपरेशन
सूचना के मुताबिक कुहुड़ी साई सेवा सदन के डाक्टर जगदीश चन्द्र बेहेरा के नेतृत्व में डाक्टर विस्मय छत्रिया, डाक्टर सौम्य दास, डाक्टर चन्द्रशेखर बेहेरा, डाक्टर दिगंत महांति ने पांच घंटे तक आपरेशन करने के बाद नवरंगपुर जिले की कुलमति नामक महिला के पेट से यह विशाल ट्यूमर बाहर निकाला। कुलमति इलाज के लिए इस अस्पताल से उस अस्पताल घूम रही थी। कहीं पर उनका इलाज ना होने से वह दर्द से परेशान थी।
साई सेवा सदन ने सहयोग का हाथ बढ़ाया
आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वह बड़े अस्पताल में जाकर इलाज नहीं करा पा रही थी। इसके बाद सहायता के लिए उन्होंने सोशल मीडिया में अनुरोध किया। इसे देखने बाद साई सेवा सदन ने सहयोग का हाथ बढ़ाया और आपरेशन कर कुलमति के पेट से यह ट्यूमर निकाला गया। ट्यूमर निकाले जाने के बाद कोमलमति ने साई सेवा सदन एवं डाक्टरी टीम के प्रति आभार प्रकट किया है।
60 वर्षीय मरीज के पेट से निकला 30 साल पुराना ट्यूमर
ओडिशा के भुवनेश्वर में बीते साल बीआर लाइफ कलिंग अस्पताल के डाक्टरों ने अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए 60 वर्षीय एक मरीज के पेट से 30 साल पुराना ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया था। इस ट्यूमर का वजन चार किलो बताया गया था। डाक्टरों ने उन्नत सर्जिकल तकनीकों का उपयोग कर इस ट्यूमर को हटा दिया था, ये कई अंगों और ऊतकों से जुड़ा हुआ था।
ओडिशा के अठागढ़ के रहने वाले 60 वर्षीय प्रताप कुमार सतपथी को दो माह से पेट में गंभीर दर्द, सांस लेने में कठिनाई और निगलने की शिकायत हो रही थी। जिसके बाद उन्हें बीआर लाइफ कलिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जांच के बाद यह पता चला था कि मरीज को ट्यूमर है, जो बीते 30 वर्षों से चार किलो वजन का एक विशाल फुटबॉल के आकार का है। बीआर लाइफ कलिंग अस्पताल के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. वृंदावन नाहक ने बताया कि यह इस द्वारा की गई जटिल सर्जरी में से एक थी।