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कोरोना खत्म करने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत, पटाखे फोड़ने से बढ़ सकता है संक्रमण

ओडिशा स्वास्थ्य निदेशक विजय कुमार महापात्र (Vijay Kumar Mohapatra) ने बताया कि राज्‍य में वर्तमान समय में कोविड संक्रमण एंडेमिक स्टेज (endemic stage) में है। इससे होने जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। ऐसे में बूस्‍टर डोज (Booster dose) की आवश्‍यकता है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 11:47 AM (IST)
कोरोना खत्म करने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत, पटाखे फोड़ने से बढ़ सकता है संक्रमण
ओडिशा में बूस्टर डोज की जरूरत होने की बात राज्य स्वास्थ्य निदेशक विजय कुमार महापात्र ने कही है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राज्य में कोविड संक्रमण वर्तमान समय में एंडेमिक स्टेज में है। संक्रमण बढ़ना एवं कम होना डायनिमिक प्रक्रिया है। ऐसे में ओडिशा में बूस्टर डोज की जरूरत होने की बात राज्य स्वास्थ्य निदेशक विजय कुमार महापात्र ने कही है। मीडिया को जानकारी देते हुए स्वास्थ्य निदेशक महापात्र ने कहा है कि भुवनेश्वर में संक्रमण ऊपर-नीचे हो रहा है। कोविड-19 इस समय एंडेमिक स्टेज में है, इसका अर्थ यह है कि वायरस के फैलाव की प्रकृति अब स्थानीय हो सकती है और यह इसी अवस्था में आगे भी रहने वाला है। ट्रांसमिशन होने जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होने वाली है। संक्रमण बढ़ना एवं कम होना डायनोमिक प्रक्रिया है। ऐसे में बूस्टर डोज की जरूरत है। हालांकि सरकार के द्वारा गठित तकनीकी टीम की स्टडी रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है।

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पटाखा फोड़ने से भी कोविड संक्रमण बढ़ने की सम्भावना

इसके साथ ही दीपावली में पटाखा फोड़ने से भी कोविड संक्रमण बढ़ने की सम्भावना है और इससे अनेकों स्वास्थ्य संबन्धित समस्या उत्पन्न हो सकती है। कोविड संक्रमण के कारण फेफड़े प्रभावित होते हैं, ऐसे में वायु प्रदूषण होने पर समस्या अधिक होगी। ऐसे में लोगों से सतर्कता के साथ दीपावली मनाने के लिए उन्होंने अनुरोध किया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि इस संबन्ध में अंतिम निर्णय सरकार लेगी।

कोविड 19 का एक नया वेरिएंट

उसी तरह से राज्य डीएमइटी निदेशक सीबीके महांति ने कहा है कि कोविड 19 का एक नया वेरिएंट वाई 4.2 की पहचान की जा रही है। यह डेल्टा वायरस की उपप्रजाति है। केवल इंदौर में 7 एवं महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में 4.2 वेरिएंट मिला है। अब तक इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा वेरिएंट आफ कनसर्न के रूप में घोषित किया गया है। भारत में यह नगण्य है। अभी इसे लेकर परेशान होने की कोई बात नहीं है। डेल्टा वेरिएंट 55 उप प्रजाति है। इसमें से कुछ सामने आयी है। इस पर अध्ययन चल रहा है और आगे नये वेरिएंट का क्या प्रभाव होगा, वह आगे चलकर पता चलेगा।


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