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सरकार के निर्देश को नहीं मान रहे हैं निजी विद्यालय: स्कूल फीस के लिए बना रहे हैं अभिभावकों पर दबाव

कोरोना संकट के कारण अभिभावकों के पैसा नहीं है ऐसे में स्कूल फीस कम करने के लिए विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग की तरफ से जनवरी महीने में विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी और निजी विद्यालयों को इस दिशा में कदम उठाने के कहा गया था।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 02:15 PM (IST)
सरकार के निर्देश को नहीं मान रहे हैं निजी विद्यालय: स्कूल फीस के लिए बना रहे हैं अभिभावकों पर दबाव
निजी विद्यालय सरकार के निर्देश को नहीं मान रहे हैं

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के कारण अभिभावकों की आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई है। बच्चों का स्कूल फीस देने के लिए अभिभावकों के पास पैसा नहीं है। ऐसे में स्कूल फीस कम करने के लिए विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग की तरफ से जनवरी महीने में विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी और निजी विद्यालयों को इस दिशा में कदम उठाने के कहा गया था। हाईकोर्ट की राय पर जनशिक्षा विभाग की तरफ से प्रकाशित विज्ञप्ति को राजधानी भुवनेश्वर में अधिकांश निजी विद्यालय पालन नहीं कर रहे हैं। यह कहानी किसी एक निजी विद्यालय की नहीं है, बल्कि दर्जन भर से अधिक नामी विद्यालयों में इस निर्देश का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन हो रहा है। 

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 स्कूल फीस जमा करने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा है। कुछ विद्यालय तो सभी सीमाओं को पार करते हुए जबरन फीस वसूल करने की बात अभिभावकों ने कही है। राजधानी भुवनेश्वर के बरगड़, चन्द्रशेखरपुर एवं खंडगिरी थाना क्षेत्र में मौजूद कुछ नामी विद्यालय राज्य सरकार की विज्ञप्ति को सही ढंग से कार्यकारी नहीं कर रहे हैं। मनमाने ढंग से अभिभावकों को परेशान करते हुए स्कूल फीस वसुलने के लिए दबाव बनाने की बात अभिभावक महासंघ के बासुदेव भट्ट ने कही है। उन्होंने कहा है कि सरकार की तरफ से विज्ञप्ति प्रकाशित किए जाने के बाद कुछ विद्यालय इस दिशा में कदम उठाते हुए अभिभावकों को फिस कम करने के संदर्भ  में अवगत किए थे। हालांकि कुछ विद्यालय अभी भी आदतन मनमानी कर रहे हैं। सरकार का निर्देश नहीं मान रहे हैं और अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने शिक्षा विभाग से इस दिशा में कदम उठाने तथा विज्ञप्ति को शत प्रतिशत कार्यकारी करते हुए निर्देश का अनुपालन न करने वाले स्कूलों की मान्यता वापस लेने की उन्होंने मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर आगामी दिनों में अभिभावक महासंघ आन्दोलन करने को मजबूर हो जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ 25 फरवरी को राजधानी में कुछ विद्यालय के सामने अभिभावकों द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद जिला प्रशासन की नींद टूटी है। खुर्दा जिलाधीश के हस्तक्षेप के बाद अभिभावक महासंघ के प्रतिनिधियों से भुवनेश्वर के अतिरिक्त जिलाधीस प्रफुल्ल स्वाई की उपस्थिति में खुर्दा जिला शिक्षा अधिकारी  (बीईओ) वंदना महापात्र, बाक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) संतोष कुमार राउत ने चर्चा की है। उन्होंने अभिभावक महासंघ से कहा है कि फीस कम करने के लिए जो विज्ञप्ति विभाग की तरफ से प्रकाशित की गई है, उसे कार्यकारी किया जाएगा और इसका उल्लंघन करने वाले विद्यालय के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद अभिभावक संघ ने अपने आमरण अनशन के निर्णय को स्थगित कर देने की जानकारी महासंघ के अध्यक्ष भू मोहन पटनायक, प्रसन्न विषोई, सत्यव्रत परिजा, प्रदीप्त मिश्र, शिशिर साहू, आशु रंजन महांति, अशोक पटनायक प्रमुख ने कही है। 

वहीं कुछ निजी विद्यालयों ने भी अभिभावकों के खिलाफ शिकायत की है। कोरोना के समय बच्चों को सभी प्रकार की सुविधा दी गई। बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी गई। दिन रात एक कर स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्‍चों को पढ़ाया है। सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार कम की गई फीस को जमा करने के लिए अभिभावकों को बारंबार कहा गया। इसके बाद भी कुछ अभिभावक फीस जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा देने में अब समस्या आ रही है। प्रशासन को इस दिशा में भी कदम उठाने की जरूरत है।


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