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विधानसभा में अर्थनीति सर्वे रिपोर्ट 2020-21 गिर रही है विकास दर, कम हुई है प्रति व्यक्ति आय

कोरोना ने अर्थनीति को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। पूरी दुनिया के साथ भारत एवं ओड़िशा में भी आर्थिक स्थित बुरी तरह से प्रभावित हुई है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय कम हुई है जबकि कृषि उद्योग सेवा क्षेत्र को नुकासन हुआ है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 03:29 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 03:29 PM (IST)
विधानसभा में अर्थनीति सर्वे रिपोर्ट 2020-21 गिर रही है विकास दर, कम हुई है प्रति व्यक्ति आय
विधानसभा में अर्थनीति सर्वे रिपोर्ट 2020-21 गिर रही है विकास दर, कम हुई है प्रति व्यक्ति आय

जासं, भुवनेश्वर। कोरोना ने अर्थनीति को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। पूरी दुनिया के साथ भारत एवं ओड़िशा में भी आर्थिक स्थित बुरी तरह से प्रभावित हुई है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय कम हुई है जबकि कृषि, उद्योग, सेवा क्षेत्र को नुकासन हुआ है। 2020-21 आर्थिक साल में राज्य में कुल घरेली उत्पाद तथा सामूहिक अभिवृद्धि दर गिर कर 4.92 प्रतिशत तक आ जाने का अनुमान ओड़िशा आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में लगाया गया है।

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ओड़िशा विधानसभा में 22 फरवरी को बजट पेश की जाएगी। इससे पहले शनिवार को विधानसभा में ओड़िशा आर्थिक सर्वे रिपोर्ट 2020-21 पेश की गई। राज्य की विकास दर घटकर 4.92 प्रतिशत तक आने के साथ ही प्रति व्यक्ति आय पिछले साल की तूलना में 2410 रुपये अर्थात 2.3 प्रतिशत कम होने की बात दर्शायी गई है। 2011-12 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 48499 रुपये थी जबकि 2019-20 आर्थिक साल में यह बढ़कर 1 लाख 4 हजार 566 रुपये तक पहुंच गई थी। हालांकि 2020-21 में यह घटकर 1 लाख 2 हजार 156 रुपया होने का अनुमान किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012-13 एवं 2019-20 आर्थिक साल के बीच ओड़िशा में आर्थिक विकास दर 7.1 प्रतिशत थी जबकि इस समय के दौरान राष्ट्रीय विकास दर 6.6 प्रतिशत थी। इतना ही नहीं देश के अन्य 13 राज्य से ओड़िशा की आर्थिक विकास दर बेहतर थी।

हालांकि, कोरोना के कारण 2019-20 से 2020-21 के बीच आर्थिक विकास दर गिरने की बात सर्वे रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार ने कई अच्छे कदम उठाए, जिससे स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में खर्च बढ़ा है और लोगों के जीवन को बचाया गया है। जीविका बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के सुरक्षात्मक कदम सरकार द्वारा उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीबन एक दशक तक ओड़िशा में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय से अधिक थी।

2011-12 में ओड़िशा में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय दर का 76.42 प्रतिशत थी जबकि 2020-21 में यह 80.46 प्रतिशत तक बढ़ गई थी। 2019-20 में ओड़िशा में प्रति व्यक्ति आय बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, मेघायल, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ आगे थी। रिपोर्ट में मौजूद तथ्य के मुताबिक राज्य के कुल घरोई उत्पादन क्षेत्र में कृषि का अवदान 21.27 प्रतिशत, उद्योग का 36.26 तथा सेवा क्षेत्र का 42.47 प्रतिशत रहेगा।

कृषि विकास दर में 6.54 प्रतिशत, उद्योग के क्षेत्र में 8.83 प्रतिशत तथा सेवा के क्षेत्र में 3.18 प्रतिशत की गिरावट होने का अनुमान लगाया गया है। व्यापार, मरम्मत सेवा, परिवहन, स्टोरेज, आवागमन तथा रियल इस्टेट में कारोबार में आयी मंदी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। राज्य में 2004-05 में से 2011-12 के बीच गरीबी दर 24.6 प्रतिशत कम हुई थी जबकि राष्ट्रीय स्तर 15.3 प्रतिशत गरीबी दर कम हुई थी। स्थिर सरकार एवं समयोपयोगी कदम उठाए जाने के चलते यह सम्भाव हुआ है। 

सर्वे रिपोर्ट में मौजूद तथ्य के मुताबिक 2019-20 में सरकारी योजना में राज्य में कुल 3 लाख 94 हजार 212 घर निर्माण किए गए। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 लाख 57 हजार 914 तथा बीजू पक्का घर योजना में 15 हजार 567 घर तैयार किए गए हैं। इसके अलावा पक्का घर योजना (माइनिंग) में 1858 घर, निर्माण श्रमिक पक्का घर योजना में 10983 घर, बीपीजीवाई (तितली) में 7890 घर बनाए गए हैं। मनरेगा में 2019-20 में 1115.72 लाख मान कार्य दिवस मुहैया किए गए। 2018-19 में यह परिमाण 830.3 लाख। इस योजना में 2018-19 में 23.27 लाख परिवार को शामिल किया गया था जबकि 2019-20 में 31.86 लाख परिवार को शामिल किया गया। 2020 तक 4 लाख 60 हजार ट्यूबेल लगाए गए जबकि 11 लाख 60 हजार टैप लगाए गए। 2019-20 आर्थिक साल के अंत तक राज्य सरकार गरीब परिवार के लिए 2570174 घर बनाकर दिए हैं। 

राष्ट्रीय स्तर पर शिल्प अभिवृद्धि दर 0.92 प्रतिशत थी जबकि 2019-20 संशोधित आकलन के अनुसार ओडिशा में शिल्प अभिवृद्धि दर 3.61 प्रतिशत थी। 2019-20 तक 7647 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाई गई है जो कि पिछले साल की तूलना में 27 प्रतिशत अधिक है। 2019-20 तक राज्य के शत प्रतिशत गांवों में बिजली सेवा को पहुंचा दिया गया है, जो सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है। राज्य का राजस्व संग्रह 2011-12 आर्थिक साल से कुल घरोई उत्पाद (जीएसडीपी) का 16 प्रतिशत रहते आ रहा था जबकि 2018-19 में यह बढ़कर 21.44 प्रतिशत हो गया। 2019-20 में राजस्व के बाबद आय 2011-12 की तूलना में ढाई गुना अधिक होने के साथ ही वार्षिक इसमें लगभग 13.7 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी हुई। उसी तरह से 2011-12 में कुल खर्च जीएसडीपी का 18.2 प्रतिशत था जबकि 2019-20 में यह बढ़कर 25.9 प्रतिशत हुआ। 2019-20 तक प्रदेश का वित्तीय घाटा 3.5 प्रतिशत तक सीमित है।


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