Odisha: ओडिशा में सीमांत सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करेगी भाजपा: समीर महांती
Odisha भाजपा ने आरोप लगाया कि इन क्षेत्रों में आंध्र प्रदेश के चुनाव कराने की योजना के बारे में जानकारी हासिल करने में ओडिशा का खुफिया विभाग फेल रहा है। इसलिए राज्य सरकार अंतिम समय में सुप्रीम कोर्ट पहुंची।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। Odisha: ओडिशा के कोरापुट, मालकानगिरि, गंजाम और गजपति जिलों के सीमावर्ती इलाकों में पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश की संप्रभुता के प्रयासों को देखते हुए हालात पर निगरानी रखने के लिए भाजपा सीमांत सुरक्षा प्राकोष्ठ का गठन करेगी। भाजपा ने आरोप लगाया कि इन क्षेत्रों में आंध्र प्रदेश के चुनाव कराने की योजना के बारे में जानकारी हासिल करने में ओडिशा का खुफिया विभाग फेल रहा है। इसलिए राज्य सरकार अंतिम समय में सुप्रीम कोर्ट पहुंची। उक्त बातें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समीर महांती ने कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों में सही विकास नहीं हो रहा है। यही कारण है कि आंध्र प्रदेश इन सीमावर्ती गांव को अपने कब्जे में करने का प्रयास कर रहा है। वहां चुनाव आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा कराए जाने के संबंध में जानकारी मिलने के बाद भी राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया। राज्य के सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर लौटने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समीर मोहंती ने एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रतिनिधि दल ने तीन दिनों तक आंध्र प्रदेश की सीमा पर ओडिशा के विभिन्न गांवों का दौरा किया और वहां की स्थिति को देखा। वहां आंध्र प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव करवा रही है, लेकिन ओडिशा सरकार व जिला प्रशासन के पास इसकी किसी प्रकार की खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार का खुफिया विभाग पूर्ण रूप से इस मामले में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद वह काफी देर से सुप्रीम कोर्ट गई। राज्य सरकार यदि सजग रहती तो पहले भी सुप्रीम कोर्ट जा सकती थी, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि राज्य सरकार को इन सीमावर्ती इलाकों की किसी प्रकार की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद के समाधान के लिए राज्य सरकार प्राथमिकता के आधार पर कार्य करे। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में विकास न पहुंचने के कारण आंध्र प्रदेश वहां घुस रहा है। राज्य सरकार इन सीमावर्ती इलाकों के विकास को लेकर उदासीन है। उसे इस स्थिति की गंभीरता की जानकारी नहीं है।