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शहर को मिला एसएनसीयू का तोहफा, 200 बेड का बनेगा सदर अस्पताल

एमजीएम का होगा कायाकल्प राज्य के 24 जिलों के लिए अलग-अलग कमेटी गठित राज्य से हटाए गए 4500 कर्मचारियों के लिए 127 करोड़ रुपए अवांटित।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 07:00 AM (IST)
शहर को मिला एसएनसीयू का तोहफा, 200 बेड का बनेगा सदर अस्पताल
शहर को मिला एसएनसीयू का तोहफा, 200 बेड का बनेगा सदर अस्पताल

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहरवासियों को शनिवार को बड़ा तोहफा मिला। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) का उद्घाटन किया। इसमें 12 वार्मर मशीन व छह फोटो थेरेपी मशीन लगी है। जन्म के बाद यदि बच्चे का वजन कम होने पर उसे वार्मर पर रखा जाता है। इसके माध्यम से बच्चों को मां के पेट की तरह तापमान में उपचार किया जाता है। निजी अस्पतालों में एसएनसीयू का एक दिन का चार्ज तीन से छह हजार रुपयेहै। वहीं, फोटो थेरेपी मशीन का चार्ज निजी अस्पतालों में एक दिन में ढ़ाई से तीन हजार रुपए है। फोटो थेरेपी मशीन पर जॉन्डिस (पीलिया) से ग्रस्त नवजात को रखा जाता है। कई बार नवजात बच्चे को जन्म के बाद जॉन्डिस हो जाता है। ऐसे में वैसे बच्चे को फोटो थेरेपी मशीन पर रखा जाता है। अत्याधुनिक एसएनसीयू लगभग 17 लाख रुपये की लागत से तैयार हुआ है। जबकि वार्मर, फोटो थेरेपी मशीन सहित अन्य उपकरण रांची स्वास्थ्य विभाग से आया है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी 20 बेड का एनआईसीयू (न्यू बोर्न इंटेसिव केयर यूनिट) बनकर तैयार है। जल्द ही इसका उद्घाटन होगा। सदर अस्पताल में हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) भी स्थापित हो रही है। कार्यक्रम का संचालन एक्सरे विबाग के इंचार्ज रवींद्रनाथ ठाकुर ने किया। इस अवसर पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एके लाल, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एबीके बाखला, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. मीना कालुडिया, डॉ. दीपक गिरी, डॉ. प्रभाकर भगत, डॉ. विमलेश कुमार सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।

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एक सप्ताह के अंदर मांगा सदर अस्पताल का प्रस्ताव

कार्यक्रम में उपस्थित जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एके लाल ने सदर अस्पताल को 100 से बढ़ाकर 200 बेड करने की बात कहीं। उनकी बातों को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गंभीरता से लेते हुए एक सप्ताह के अंदर इसका प्रस्ताव बनाकर मांगा है। मंत्री ने कहा कि कोविड की वजह से बीते एक साल में ज्यादा कुछ नहीं हो सका है लेकिन अगले एक साल में तेजी से विकास कार्य देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल की पहचान राज्य ही नहीं बल्कि देश के अस्पतालों में भी शुमार हो। चूंकि मैं खुद इसी शहर से हूं। इसलिए इसे एक बेहतर अस्पताल बनाने को हरसंभव प्रयास करुंगा।

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बिखरा हुआ है एमजीएम, अब तेज गति से होगा सुधार

मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि एमजीएम अस्पताल की स्थिति काफी खराब है। पूरा अस्पताल बिखरा हुआ है लेकिन अब उसे सुधारने की कवायद तेज कर दी गई है। उसके लिए एक टीम भी गठित की जाएगी। वहीं, स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करने के लिए 24 जिलों के लिए अलग-अलग टीम गठित की गई है। यह टीम जरूरत व कमियां को चिन्हित करेगी, ताकि उसपर तेजी से कार्रवाई की जा सकें।

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सीसीयू में 300 बेड का अस्पताल

मंत्री ने कहा कि मुसाबनी में 300 बेड का अस्पताल सीसीयू में है। इसके अलावे भी जगह-जगह पर सीएचसी-पीएचसी बनाकर छोड़ दिया गया है। इससे अधिकांश भवन जर्जर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान राज्य से 4500 कर्मचारियों को हटा दिया गया था। उनके लिए 127 करोड़ रुपए अवांटित किया गया है। जिनको हटाया गया था उनको फिर से लाने का प्रयास तेज हो गया है।

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80 फीसद निजी अस्पतालों ने नहीं दिया साथ

मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना काल में निजी अस्पतालों ने साथ नहीं दिया। जबकि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर फर्ज निभाया। लगभग 80 फीसद निजी अस्पताल बंद पड़ा था। जबकि मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे। वहीं, सरकारी डॉक्टर दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे रहे।


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