Coronavirus के कारण ओडिशा की 87 जेलों में बंद 1727 कैदियों को लेकर किया गया ये फैसला
Coronavirus ओडिशा की 87 जेलों में बंद 1727 कैदियोंं को कोरोना संक्रमण की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए सुप्रीमकोर्ट द्वारा दी गई राय के आधार पर छोड़ा जाएगा।
भुवनेश्वर, जेएनएन। कोरोना वायरस के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए राज्य की 87 जेलों में बंद करीबन 1727 विचाराधीन कैदियों के साथ दोषी साबित कैदियों को अंतरिम जमानत या फिर पैरोल पर छोड़ा जाएगा। कोरोना संक्रमण की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए कैदियों के संबन्ध में सुप्रीमकोर्ट द्वारा दी गई राय के आधार पर गठित उच्च क्षमता सम्पन्न कमेटी की बैठक में पेश किए गए प्रस्ताव के साथ जारी किए गए नियमावली के आधार पर जेल में बंद कैदियों को छोड़ा जा रहा है। हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश, ओडिशा राज्य कानून सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष कुमारी जस्टिस संजू पंडा की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अनुष्ठित बैठक में राज्य गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजीव चोपड़ा, जेल महानिदेशक संतोष कुमार उपाध्याय उपस्थित थे।
कैदियों के स्वास्थ्य सुरक्षा एवं उनके हित के लिए जारी हुई थी नियमावली
जेल में भीड़ को कम करने के लिए तथा कैदियों के स्वास्थ्य सुरक्षा एवं उनके हित के लिए कुछ नियमावली जारी की गई है। यहां तक कि नियमावली के आधार पर अधिकारी परिस्थिति को ध्यान में रखकर दोषी साबित होने वाले जेल के कैदियों को जल्द ही पैरोल प्रदान करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। अदालत में दोषी साबित होने वाले 7 साल या उससे कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर मुक्त किया जाएगा।
शांतिपूर्ण ढंग से दी जाएगी पैरोल
इस तरह के कैदियों को जेल के साथ जुर्माना दंड मिलने के बावजूद जेल से उन्हें छोड़ा जाएगा। 7 साल या उससे कम जेल सजा पाकर जेल में बंद रहने वाले व्यक्ति के खिलाफ एक या इससे अधिक विचाराधीन मामला होगा तो भी उन्हें पैरोल मिल सकती है। इस तरह के क्षेत्र में कैदियों का पैरोल शांतिपूर्ण ढंग से उपलब्ध करायी जाएगी। दोषी साबित कैदी पहले से पैरोल में होंगे तो उनकी पैरोल अवधि को संप्रसारित किया जाएगा। 65 साल से अधिक आयु के वयस्क सभी दोषी साबित कैदियों को विशेष पैरोल प्रदान की जा सकेगी। किन्तु एकाधिक मामले में संपृक्त एनडीपीएस कानून में, पोक्सो कानून में, दुष्कर्म, यौन निर्यातना, एसिड हमला करने के मामले में दोषी कैदियों तथा विदेशी नागरिक के क्षेत्र में यह सुविधा लागू नहीं होगी।
इन कैदियाें पर लागू नहीं होगा ये नियम
उपरोक्त मानदंड पूरा करने के बावजूद पोक्सो कानून के बारे में मामला, एसिड हमला, दुष्कर्म, यौन निर्यातना, दंगा या देश विरोधी अपराध में संपृक्त अपराध, जाली नोट संबन्धित अपराध, बच्चों के अपहरण, आर्थिक एवं व्यापार संबन्धित अपराध, एनडीपीएस कानून संबन्धित मामला में दोषी साबित कैदियों के क्षेत्र में यह नियम लागू नहीं किया जा सकता है। हालांकि ऐसी स्थिति होने के बावजूद यदि एक कैदी की उम्र 70 साल या उससे अधिक है एवं कोरोना संक्रमण की सम्भावना है तो फिर उस पर विचार कर निर्णय लिया जा सकता है।
856 दोषी कैदियों को विभिन्न जेल में स्थानान्तरित करने के निर्देश
कमेटी के पास जेल डीजी द्वारा पेश किए गए तथ्य के अनुसार 87 जेल में इस तरह के 1727 विचाराधीन कैदियों की पहचान की गई है। अतिरिक्त दो महीने एवं एक महीन जेल दंड रेमिसन करने की क्षमता रखने वाले हेड आफ डिपार्टमेंट एवं जेल अधीक्षक अपनी क्षमता का प्रयोग कर इसके लिए योग्य कैदियों को जेल से छोड़ने के लिए कहा गया है। इसके साथ 856 दोषी साबित कैदियों को भीड़ कम करने के लिए विभिन्न जेल में स्थानान्तरित करने के लिए भी निर्देश दिए जाने की बात जेल डीजी ने कमेटी के पास स्पष्ट किया है।