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कोरापुट के बंडा घाटी तक पहुंचे नक्सली, सुरक्षा बलों ने खदेड़ा

राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद ओडिशा में माओ गतिविधियां जारी हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कोरापुट के बंडाघाटी इलाके में नक्सली गतिविधि तेज होने की खबर सामने आयी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:23 AM (IST)
कोरापुट के बंडा घाटी तक पहुंचे नक्सली, सुरक्षा बलों ने खदेड़ा
कोरापुट के बंडा घाटी तक पहुंचे नक्सली, सुरक्षा बलों ने खदेड़ा

संवादसूत्र, भुवनेश्वर : राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद ओडिशा में माओ गतिविधियां जारी हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कोरापुट के बंडाघाटी इलाके में नक्सली गतिविधि तेज होने की खबर सामने आयी। इसकी भनक लगते ही सुरक्षा बलों ने वहां धावा बोल दिया। जिससे नक्सलियों को वहां से भागना पड़ा। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से बड़ी मात्रा में माओ प्रचार सामग्री सहित खाने-पीने का सामान बरामद कर सर्च अभियान जारी रखा है।

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घटनाक्रम के अनुसार, मलकानगिरी जिला के मुदुलीपड़ा अंतर्गत बंडाघाटी इलाके में माओवादियों के जुटने की सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी। बताया गया था कि इलाके में 20 से 30 माओ कैडर जमा हैं जिनमें कुछ हार्डकोर नक्सली भी शामिल हैं। यह खबर मिलते ही एसओजी के जवानों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इलाके को घेर लिया। जवानों द्वारा घेर लिए जाने के बाद नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की आड़ लेकर भाग निकले। इस ऑपरेशन में कोई हताहत नहीं हुआ। माओ प्रशिक्षण कैंप की स्थापना से पहले ही उस स्थान को कब्जा से मुक्त करा लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जिले के की स्वाभिमान इलाके में ग्रामीणों ने नक्सलियों को अच्छा सबक सिखाया था। विकास का विरोध करने बरगलाने पहुंचे नक्सलियो को ग्रामीणों ने ऐसा करने से मना कर दिया था। इससे झल्लाए नक्सलियों ने एक ग्रामीण के साथ मारपीट करते हुए उसे बांध दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव वाले को नक्सलियों से मुक्त करा उन पर पारंपरिक हथियार तीर-धनुष व पत्थर से हमला बोल दिया था। ग्रामीणों के इस हमले में एक इनामी नक्सली की मौत हो गई थी। जबकि अन्य एक इनामी नक्सली गंभीर रूप से घायल हुआ था जिसे इलाज के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिप्रो हाविया नामक उक्त नक्सली ने बाद में एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। इस घटना के बाद शासन-प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को सुरक्षा के साथ अन्य सहायता प्रदान किया गया है।


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