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Odisha Assembly Winter session: विधानसभा सत्र के हंगामेदार आगाज के बाद कार्यवाही स्थगित

Odisha Assembly Winter session भाजपा ने उठाया नारी निर्यातना मामला कांग्रेस ने की मुलतवी प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक मुलतवी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 12:55 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 12:55 PM (IST)
Odisha  Assembly Winter session: विधानसभा सत्र  के हंगामेदार आगाज के बाद कार्यवाही स्थगित
Odisha Assembly Winter session: विधानसभा सत्र के हंगामेदार आगाज के बाद कार्यवाही स्थगित

भुवनेश्वर, जेएनएन। Odisha Assembly Winter session ओडिशा विधानसभा सत्र की शुरूआत पूर्वानुमान के मुताबिक ही हंगामेदार रही। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विरोधी दल भाजपा ए​वं कांग्रेस के विधायक विभिन्न मुद्दों पर सरकार पर हमलावर दिखे और विधानसभा अध्यक्ष के आश्वासन के बावजूद अपनी मांग पर चर्चा कराने की जिद में अडिग रहते हुए सदन में शोर शराबा करने लगे। सदन में हंगामा होते देख विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने सदन की कार्यवाही को अपराह्न तीन बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया।

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जानकारी के मुताबिक ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन अधिवेशन बुधवार से शुरू हो गया है। अधिवेशन के प्रारंभ में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शोक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर विरोधी दल के नेता भाजपा विधायक प्रदीप्त नायक एवं कांग्रेस विधायक दल के नेत नरसिंह मिश्र अपना समर्थन दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र के निर्देश पर सदन में दिवंगत आत्मओं के लिए एक मिनट मौन प्रार्थना की गई। इसके बाद सदन में प्रश्नकाल शुरू हुआ। हालांकि प्रश्नकाल शुरू होते ही भाजपा के विधायक नारी निर्यातना पर चर्चा करने एवं कांग्रेस के विधायक जाजपुर जिला स्मिताराणी हत्या मामले पर मुलतवी प्रस्ताव पर चर्चा करने मांग करने लगे।

 इससे विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नोत्तर काल के बाद इस पर चर्चा की जाएगी, जो भाजपा एवं कांग्रेस के विधायकों को मंजूर नहीं थी। भाजपा एवं कांग्रेस के विधायकों ने प्रश्नोत्तर काल को रद्द कर इस चर्चा करने की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम के पास आ गए और अपनी मांग पर अडिग रहते हुए हो हल्ला शुरू कर दिए। सदन में हो हल्ला जारी रहने से विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई को अपराह्न तीन बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया है। 

भाजपा विधायक दल के नेता प्रदीप्त नायक ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष हमारी बात न सुनना आश्चर्यजनक है। हम महत्वपूर्ण विषय कानून व्यवस्था, महिला पर अत्याचार पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे, उसकी सच्चाई जानने के लिए हमने सभी विजनेस को रद्द कर इस पर चर्चा करने की मांग किए मगर उन्होंने नहीं सुना। 

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कांग्रेस नेता तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि आज प्रदेश में महिला असुरक्षित हैं, इस पर हम चर्चा करने की मांग किए मगर विधानसभा अध्यक्ष ने हमारी बात नहीं सुनी। विधानसभा अध्यक्ष बीजद के अध्यक्ष नहीं हैं, उन्हें सभी की बात सुननी चाहिए। ऐसा न करने पर कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया है।

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