आपका फेंका पत्थर अपनों को लग सकता है
ट्रेनों पर पथराव की घटनाओं को लेकर फिक्रमंद पूर्व तट रेलवे द्वारा सुरक्षित सफर को लेकर जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
जासं, भुवनेश्वर : ट्रेनों पर पथराव की घटनाओं को लेकर फिक्रमंद पूर्व तट रेलवे द्वारा सुरक्षित सफर के लिए पहल की गई है। रेलवे ट्रैक के पास रहने वाले कुछ बच्चे व युवा खेल के लिए या फिर महज मनोरंजन के लिए चलती ट्रेनों पर पथराव करते हैं, जिससे कई यात्रियों के लिए जान का जोखिम हो जाता है। रेल सुरक्षा बल ने पूर्व तट रेलवे के क्षेत्राधिकार में ऐसे स्थानों की पहचान कर सादे कपड़े में सुरक्षाकर्मियों को ट्रैक पेट्रोलिंग के लिए लगाया गया है। इसके अलवा रेल पटरियों के आसपास रहने वाले लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है। साथ ही बच्चों को रेल पटरियों से दूर रखने को कहा जा रहा है। रेल सुरक्षा बल के इस मासिक अभियान के तहत पटरियों के पास रहने वाले लोगों को नुक्कड़ नाटक, पर्चा वितरण आदि के जरिये जागरूक किया जा रहा है।
प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त राजा राम के नेतृत्व में रेल सुरक्षा बल का दल चिह्नित इलाकों में बच्चों व युवाओं को समझाने के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के प्रथम चरण में इस तरह की घटनाओं में शामिल बच्चों को इस तरह की गतिविधियों से दूर रहने के लिए समझाया जा रहा है और उनके बीच चॉकलेट बाट कर उन्हें पथराव से होने वाले खतरे के बारे में बताया जा रहा है कि ट्रेन से यात्रा करने वाले उनके रिश्तेदार और अपने भी हो सकते हैं।
ज्ञात हो कि पथराव की घटना से कई यात्रियों को जानलेवा चोट लग जाती है। इससे एसी कोचों के शीशों को भी नुकसान पहुंचता है। इससे न सिर्फ राष्ट्रीय संपत्ति, बल्कि लोगों की जान को भी नुकसान होता है। उपलब्ध सूचना के अनुसार, वर्ष 2018 में ऐसी 10 घटनाएं हुईं, जिसमें छह भुवनेष्वर में, दो कटक में और दो संबलपुर इलाके में हुईं। इसी प्रकार 2019 में अगस्त महीने तक इस तरह की कुल 18 घटना सामने आयीं। इसमें से चार मामले जाजपुर क्योझर रोड, तीन-तीन घटनाएं भुवनेश्वर व विशाखापत्तनम में और निर्गुडी, मोटरी, रंभा, सोलारी, बालुगाव, इच्छापुरम, कोरापुट एवं अनगुल में एक -एक घटना हुई। इन घटनाओं में 2018 में एक व 2019 में एक नाबालिग सहित दो लोगों को हिरासत में लिया गया। पूर्व तट रेलवे ने इस तरह की कोई भी सूचना टोल फ्री नंबर 182 सुरक्षा हेल्प लाइन पर देने की अपील की है।
सफर का साथी : 182 सुरक्षा हेल्पलाइन
भारतीय रेल की 182 सुरक्षा हेल्पलाइन सफर के दौरान यात्रियों के लिए साथी और मददगार बन रहा है। रेल सुरक्षा बल की निगरानी में संचालित 182 हेल्पलाइन का उपयोग कर सफर के दौरान बड़ी संख्या में यात्री लाभान्वित हुए हैं। 182 हेल्पलाइन के द्वारा यात्रियों को पर्स, बैग, मोबाइल फोन, लैपटॉप से लेकर जेवरात और नकद रुपये, बहुमूल्य वस्तुओं की बरामदगी कर उसे यात्रियों को वापस किया गया है। वर्ष 2019 के प्रथम आठ महीनों में पूर्वतट रेलवे के क्षेत्राधिकार में कुल 54 लाख रुपये से अधिक का सामान बरामद कर यात्रियों को लौटाया गया। साधारणतया यात्री इस हेल्पलाइन का उपयोग कर खोये सामान एवं चोरी हुई बहुमूल्य वस्तुओं की शिकायत करते हैं। ऐसी वस्तुओं की बरामदगी के बाद रेल सुरक्षा बल के कर्मी उन्हें संपर्क कर उचित पावती के साथ उसे उनके मालिकों को वापस करते हैं। यही नहीं कई बार ऐसी बरामदगी से कई लोगों को परेशानी से बचाने में भी मदद मिली है। कई खोये हुए महत्वपूर्ण कागजात, पहचान पत्र, प्रमाण पत्र आदि उनके असल मालिकों तक पहुंचाये गये हैं। खोये हुए मोबाइल फोन व उसमें दर्ज फोन नंबर, लैपटॉप व उसमें रखी गयी सूचना आदि जब उसके असली मालिक को मिलती है जो बड़ी राहत की बात होती है। पूर्वतट रेलवे के क्षेत्राधिकार में पहले आठ महीनों में बरामदगी के 310 मामले हुए हैं। इसमें 237 लगेज बैग व पर्स, 96 मोबाइल, 31 लैपटॉप शामिल हैं। इसके साथ ही 26 लाख रुपये से अधिक के सोने के आभूषण और चार लाख रुपये नकद भी उनके सही मालिक तक पहुंचाये गये हैं।