वाहन जांच को लेकर कुरुक्षेत्र बना राजमहल चौक
देश में संशोधित नया मोटरयान कानून लागू होने के बाद राज्य में जांच अभियान चलाया जा रहा है।
जासं, भुवनेश्वर : देश में संशोधित नया मोटरयान कानून लागू होने के बाद राज्य में जांच अभियान चलाया जा रहा है। खासकर राजधानी भुनेश्वर में नए कानून का सख्ती के साथ पालन किया जा रहा है। इससे नगर के लोग तंग आ चुके हैं। आलम यह है कि पिछले 3 दिन से लोग अपने वाहन घरों से बाहर नहीं निकाल रहे हैं। जो लोग बाहर निकल रहे हैं उन्हें यह भय सताता है कि किसी मोड़ पर उन्हें पुलिस वाले पकड़ कर चलान न काट दें।
ऐसे में यदि पुलिस द्वारा पक्षपात करने की घटना सामने आए तो लोगों का गुस्सा फूटना लाजमी है। ऐसी ही नजारा शनिवार को राजधानी के प्रमुख चौराहों में से एक, राजमहल चौक पर देखने को मिला। यह चौराहा देखते ही देखते कुरुक्षेत्र में तब्दील हो गया और पुलिस-पब्लिक एक-दूसरे पर पथराव और लाठियां बरसाने लगे। पुलिस-पब्लिक की इस लड़ाई को देखने के लिए राजमहल ओवरब्रिज के ऊपर तथा चौक के आसपास बनी इमारतों पर लोगों का मजमा लग गया।
दरअसल शनिवार को अपराह्न के समय राजमहल चौक से एक सरकारी वाहन गुजर रहा था जिसकी पुलिस द्वारा अनदेखी किए जाने के बाद लोगों ने उसकी जांच शुरू कर दी। लोगों ने जब सरकारी वाहनों की जांच की तो कागजात ठीक नहीं मिला। एक नहीं बल्कि तीन सरकारी गाड़ियों के कागजात सही नहीं पाए गए। ऐसे में सरकारी वाहनों के प्रति पुलिस की उदारता का लोगों ने कड़ा विरोध किया। पुलिस बल के साथ धक्का-मुक्की मारपीट शुरू हो गई। इस बीच पुलिस लाठीचार्ज में पांच लोग घायल हो गए जबकि लोगों के हमले में तीन पुलिस कर्मचारी भी लहूलुहान हुए। लोगों ने आरोप लगाया कि नियम सभी के लिए समान है तो फिर सरकारी गाड़ियों के लिए क्यों नहीं। इन तीन गाड़ियों में एक पुलिस की भी गाड़ी शामिल थी।
लोगों का कहना था कि आम जनता से एक के बाद एक नियम लागूकर 35 से 45000 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। फिर उसी नियम के उल्लंघन के लिए सरकारी गाड़ियों से क्यों जुर्माना नहीं वसूला जा रहा है। अन्य दो गाड़ियों में मो बस तथा बीएमसी की गाड़ी थी। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसी तरह से स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस और लोगों के बीच हुई इस मारपीट के चलते एजी चौक से लेकर कल्पना चौक तथा मास्टर कैंटीन से लेकर शिशु भवन चौक तक वाहनों की लंबी कतारें लग गई। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने स्थिति को सामान्य किया।
जनाक्रोश देश कमिश्नरेट पुलिस ने दी नियमों में ढील : लोगों के आक्रोश को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने शाम के समय परिवहन के नियमों में ढील दे दी है। अब गाड़ी के कागजात, इंश्योरेंस, प्रदूषण प्रमाणपत्र आदि ना होने पर पुलिस जुर्माना नहीं काटेगी। हालांकि पुलिस कमिश्नर सुधांशु षाड़ंगी ने कहा कि बाइक पर तीन लोग, शराब पीकर गाड़ी चलाने या फिर हेलमेट ना पहनने, सीट बेल्ट ना लगाने या फिर गलत साइड से वाहन चलाने पर पुलिस चालान काटेगी और लोगों को जुर्माना भरना होगा। लोगों को इन सब कागजातों को ठीक करने के लिए 2 से 3 महीने का समय दिया जाएगा।
क्या है विवाद का कारण : राजमहल चौक पर पुलिस वाहनों की जांच कर रही थी। तभी कार में एक युवक आया जिसे पुलिस ने रोका। गाड़ी में बैठा युवक कागजात दिखाने के बदले पुलिस से कागजात मांगने लगा। इसी समय एक महिला पत्रकार वहां पहुंची जो सीट बेल्ट नहीं बांधी थी, उसे पुलिस ने पकड़ लिया। इसके बाद दोनों मिलकर पुलिस पर रौब दिखाने लगे और कहने लगे पहले खुद जुर्माना दो इसके बाद दूसरों से जुर्माना वसूलों। इसी बात से कहासुनी शुरू हुई और कुछ ही पल में काफी लोग वहां जमा हो गए, हो हल्ला शुरू हो गया। पुलिस एक्शन में आ गई और फिर लाठीचार्ज से लेकर दोनों तरफ से पत्थर चले।