पद्मश्री पाने वाले गरीब ओडिशावासी को 10 हजार पेंशन देगी सरकार
padmashree pension. ओडिशा की बीजू जनता दल सरकार ने पद्मश्री सम्मान पाने वाले गरीब राज्यवासी को दस हजार रुपये बतौर पेंशन देने का निर्णय लिया है।
जासं, भुवनेश्वर। ओडिशा की बीजू जनता दल सरकार ने पद्मश्री सम्मान पाने वाले गरीब राज्यवासी को दस हजार रुपये प्रतिमाह बतौर पेंशन देने का निर्णय लिया है। ऐसा करने वाला ओडिशा देश का पहला राज्य होगा। राज्य के पांच ऐसे लोगों को पद्मश्री पेंशन देने के लिए चिह्नित किया गया है। हालांकि पद्मश्री पेंशन के लिए कौन-कौन हकदार होंगे, इसका मानदंड अब तक नहीं बनाया गया है पर इस श्रेणी में आने वाले आदिवासी समाज के लोगों को रखा जाना लगभग तय होने की बात सामने आयी है। पद्मश्री अवार्ड से नवाजे गए लोगों में दइतरी नायक का पहला नंबर आता है।
उन्हीं की वजह से पेंशन मिलेगी। संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की ओर से भेजे गए इस पेंशन प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंजूरी दे दी है। क्योंझर जिले के बंसपाल ब्लॉक के वैतरणी गांव के निवासी पद्मश्री दइतरी नायक का पेंशन पाने वाले संभावित लोगों में पहला नाम होगा। पहाड़ काटकर नहर अपने गांव तक लाने वाले केनाल मैन पद्मश्री दइतरी नायक की गरीबी और भुखमरी की हालत को देखते हुए ओडिशा सरकार ने यह फैसला किया है। यह पेंशन आजीवन जारी रहेगी। संस्कृति एवं पर्यटन विभाग ने गरीबी की ¨जदगी बिता रहे अन्य पद्मश्री पुरस्कार पाने वालों को भी इस योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। दइतरी नायक ने तीन किलोमीटर तक नहर खोदी। इस काम में उन्हें तीन साल लगे। उनके भीतर एक जुनून था। पद्मश्री के सम्मान के कारण उन्हें कोई काम ही नहीं देता था। इससे आजिज आकर दइतरी ने पद्मश्री लौटाने का निर्णय ले लिया। दूसरा नंबर आता है कटक शहर के निवासी पद्मश्री डी प्रकाश राव का। तेलुगु समाज के राव के पिता ओडिशा में आकर बस गए थे।
बक्सी बाजार के राधानाथ चौराहे पर उनकी छोटी सी चाय की दुकान है। वह सालों चाय बेचकर गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देते हैं। वर्ष 2018 में 24 मई को जब प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी कटक के बालीयात्रा मैदान में केंद्र सरकार के चार साल के कामकाज का हिसाब देने के लिए जनसभा संबोधित कर रहे थे तो सरकारी महकमा प्रकाश राव को रैली स्थल से लगे ग्रीन रूम में बैठा चुका था। मोदी ने राव से भेंट की उन्हें बगल में बैठाया और पूछा वह यह सब कैसे मैनेज करते हैं। इससे पहले मोदी ने मन की बात में भी डी प्रकाश राव का जिक्र किया था। बाद में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया गया। सुप्रसिद्ध लोकगीत रंगावती को गाने वाले जितेंद्रीय हरिपाल का नाम भी इस सूची में रखे जाने की चर्चा है।
ओडिशा में कोसली भाषा के कवि हलधर नाग की गरीबी भी जगजाहिर है। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा था। ओडिशा सरकार ने पद्मश्री पाए लोगों को पेंशन देने की घोषणा करते हुए कहा कि जीवनयापन को संघर्ष करने वाले पद्मश्री पुरस्कृत लोगों की सरकार आíथक मदद करेगी। दइतरी नायक की कहानी मीडिया में आने के बाद राज्य सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। दइतरी घास काटते हैं, बकरी पालकर किसी तरह गुजर बसर करते हैं। पेंशन के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंजूरी दे दी है। पेंशन आíथक रूप से कमजोर लोगों को दी जाएगी।