विस में गूंजा निजी अस्पतालों में गरीबों के शोषण का मामला
राज्य के निजी अस्पतालों में गरीबों के शोषण का मामला विधानसभा तक पहुंच गया है।
जासं, भुवनेश्वर : निजी अस्पतालों में गरीबों के शोषण का मामला विधानसभा तक पहुंच गया है। सोमवार को शून्यकाल में विरोधी दल के मुख्य सचेतक मोहन चरण माझी ने माझी ने सदन में यह मामला रखा। विधायक ने कहा निजी अस्पतालों में शव को छोड़ने के लिए पैसे की मांग की जाती है। जबकि सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार मरीज की मृत्यु होने के बाद किसी भी परिस्थिति में शव को रोककर नहीं रखा जा सकता है। बावजूद इसके राजधानी में विभिन्न अस्पतालों में इस तरह की घटनाएं रुक नहीं रही हैं।
विधानसभा अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित करते हुए माझी ने बताया कि शनिवार को क्योंझर जिला के झुमुरा ब्लॉक के वासुदेव बारिक के बेटे सचिन बारिक (22) की मृत्यु हो गई थी। रुपये जमा न करने पर शव को नहीं छोड़ने की बात कलिग अस्पताल, भुवनेश्वर के अधिकारियों की तरफ से कही गई। काफी देर तक शव को अस्पताल में रखा गया और परिवार को नहीं दिया गया। इस संदर्भ में मुझे जानकारी मिलने के बाद मैने अस्पताल के डीजीएम से फोन पर बात की और शव को छोड़ने के लिए अनुरोध किया। इस पर उन्होंने मेरे साथ भी दुर्व्यवहार किया। पैसा जमा करने पर ही शव को छोड़ने की बात कही। इतना ही नहीं कहा कि यह विधानसभा नहीं है जो आपकी बात मान ली जाए।
विधायक माझी ने कहा कि इस तरह की घटना निजी अस्पतालों में यदि होती रहेगी तो सामान्य लोग हमें माफ नहीं करेंगे। सरकार से उन्होंने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
बीजू जनता दल के विधायक अमर प्रसाद शत्पथी ने भी निजी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवा को लेकर नाराजगी जाहिर की। कहा कि बीपीएल कार्ड होते हुए भी लोगों को चिकित्सा सेवा नहीं मिल पा रही है। इस पर कदम उठाए जाने चाहिए। कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार राउतराय ने भी कलिंग अस्पताल की घटना पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि राज्य सरकार ने कलिग अस्पताल को एक रुपये में जमीन दी थी। अस्पताल में 30 फीसद गरीबों का इलाज होने का उस समय आश्वासन दिया गया था, मगर ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास ने बताया कि कलिंग अस्पताल घटना की जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी से सात दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि क्योंझर जिला के झुमुरा ब्लॉक क्षेत्र के निवासी वासुदेव बारिक ने अपने बेटे सचिन बारिक (22) को 29 मई को कलिग अस्पताल में भर्ती किया था। एक महीने बाद 29 जून को सचिन की मृत्यु हो गई थी। 7 लाख 60 हजार रुपये अपनी जमीन जायदाद बेचकर सचिन के पिता वासुदेव ने अस्पताल में जमा किया। इसके बाद उन्हें बेटे का शव घर ले जाने के लिए दिया गया।