पुरी में नवीन सरकार के पुनर्वास पैकेज का स्वागत, तो कुछ लोगों ने दागे सवाल
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उच्छेद हो रहे परिवार एवं दुकानों के पुनर्वास पैकेज की घोषणा की इस मामले में लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी जाहिर की है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। पुरी मेघनाद दीवार से 75 मीर की परिधि के बीच रहने वाले सभी निर्माण को तोड़ा जाएगा। इसके अन्तर्गत आने वाली दुकान, असुरक्षित मठ, मंदिर को हटाने की प्रक्रिया जारी है। इसी परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को उच्छेद हो रहे परिवार एवं दुकानों के पुनर्वास के लिए पैकेज की घोषणा की है। मुख्यमंत्री के इस कुछ लोगों ने स्वागत किया है तो कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री के घोषणा की कार्यकारिता पर सवाल खड़ा किया है। इसी संदर्भ में कुछ लोगों से की गई बात लोगों ने इस प्रकार से अपनी प्रतिक्रिया दी है।
भारतीय जनता पार्टी के पुरी जिला अध्यक्ष प्रभंजन महापात्र ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि हम विकास कार्य का विरोध नहीं कर रहे हैं मगर मनमाने ढंग से राज्य सरकार मठ मंदिरों को तोड़ रही है, जिसके प्रतिवाद में जिला भाजपा इकाई की तरफ से पुरी जिलाधीश को ज्ञापन भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो तरीका अपनाया है, वह गलत है। मठों में रहने वाले लोगों की दुकानों को तोड़ने से पहले उनका पुनर्वास किया जाना चाहिए था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये सभी मठ काफी पुराने जमाने के थे, जो किसी प्रकार के प्रयोग में नहीं आ रहे थे, उल्टे इन जगहों पर असामाजिक तत्व का जमावड़ा हो रहा था। ऐसे में सरकार यदि सभी से विचार विमर्श करने के बाद यह कदम उठाती तो बेहतर होता।
भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बसंत कुमार दास महापात्र ने कहा है कि इससे पहले दो बार श्रीमंदिर के चारों तरफ उच्छेद अभियान चलाया जा चुका है। प्रभावितों का सही ढंग से पुनर्वास नहीं हो पाया है। वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा केवल प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा कर देने मात्र से काम नहीं चलेगा। इसकी कार्यकारिता पर सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री को श्रीक्षेत्र के लिए यदि इतनी दर्द है तो फिर इसके लिए पहले चिंतन क्यों नहीं किया। श्रीमंदिर की सुरक्षा की आड़ में मठ संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, जो स्वीकारयोग्य नहीं है।
अनुसंधानकर्ता देवी नंद ने कहा है कि मुख्यमंत्री के पैकेज घोषणा को लेकर द्वंद दिखाई दे रही है, इस पर सही ढंग से विचार करने की जरूरत है। अधिकांश दुकानदार ऐसे हैं जिनके नाम मालिकाना हक नहीं है। दुकानों को तोड़ने से पहले किसी प्रकार का सर्वे नहीं किया गया था। ऐसे में दुकानदारों को किस प्रकार से पुनर्वास किया जाएगा, इस पर सवाल उठना लाजिमी है। पैकेज घोषणा एवं इसका सही ढंग से संचालन करना जिला प्रशासन का उत्तरदायित्व है।
भाजपा ने मठ-मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया पर उठाए सवाल कहा, आेडिशा सरकार का तरीका गलत
जगन्नाथ सेना के आवाहक प्रियदर्शन पटनायक ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि पहले पुनर्वास फिर उच्छेद किया जाए, जो नियम भी कहता है। पुरी शहर के विकास को हम स्वागत करेंगे मगर विकास विनाश न हो। पुरी एक धार्मिक स्थान है। देश के चारों धाम में से सबसे बड़ा धाम जगन्नाथ धाम है। मठ-मंदिर ही शहर की कीर्ति हैं इसके अलावा शहर में और है क्या। इन्हें तोड़ना ठीक नहीं है। इसके खिलाफ हम कानूनी तरीके से लड़ाई लड़ेंगे। असुरक्षित घरों को तोड़ना अच्छी बात है, मगर सभी घरों को तोड़ देना, वह भी बिना पुनर्वास के कहां का न्याय है। सरकार विधानसभा में चर्चा करती, मगर वह भी नहीं किया। महंत से नहीं पूछा, यह कहां का न्याय है, सरकार पूरी तरह से मनमानी कर रही है। हम इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और हमें विश्वास है सत्य की विजय होगी।
नटवर साहू ने कहा है कि विकास के लिए सरकार ने पहले भी पुरी के लोगों को त्याग करने का आह्वान किया था। सरकार उसी आह्वान को पूरा कर रही है और पुरी के लोगों को सरकार का साथ देना चाहिए। उसी तरह से बीजद के राज्य सचिव सुभाशीष खुंटिया ने कहा है कि प्रभावित परिवार एवं दुकानदारों के लए सरकार अच्छे कदम उठाया है। सभी वर्ग के लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की गई है। श्रीक्षेत्र को विश्व स्तर का एक ऐतिहासिक शहर बनाने के लिए सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। ओड़िशा कुराल महासंघ के अध्यक्ष सरोज बेहेरा ने कहा है कि प्रभावित परिवार के लिए सरकार ने पैकेज की जो घोषणा किया है पुरी के लोग उसका स्वागत कर रहे हैं। श्रीक्षेत्र को विश्व स्तर का शहर बनाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है, जो स्वागतयोग्य है।
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इतिहासकार डा. सुरेन्द्र मिश्र ने कहा है कि श्रीमंदिर की सुरक्षा एवं विकास पर राज्य सरकार महत्व दे रही है। ऐसे में श्रीमंदिर के चारों तरफ 75 मीटर परिधि परिसर में आने वाले मकान, मठ को हटाने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है। विस्थापित परिवार को उचित क्षतिपूरण दिए जाने का आश्वासन मुख्यमत्री ने दिया था। सोमवार को मुख्यमंत्री ने पुनर्वास पैकेज की घोषणा कर अपने आश्वासन को पूरा किया है। बिश्वाबसु विनायक दास महापात्र ने कहा है कि श्रीमंदिर के के चारों तरफ उच्छेद प्रक्रिया को लेकर पहले असंतोष था मगर प्रभावितों के लिए सरकार ने सोमवार को जो पैकेज की घोषित किया है, वह स्वागतयोग्य है। हालांकि उन्होंने कहा कि पुनर्वास पैकेज से कोई भी व्यक्ति वंचित न रहने पाए, सरकार को उस पर ध्यान देना होगा।